आजम से मिलकर बेटे अदीब हुए भावुक: कहा- अब्बा कुछ समय की परेशानी है, सब जल्द ठीक होगा

सीतापुर जेल से रामपुर कोर्ट में लाए गए सपा नेता आजम खां से उनके बड़े बेटे अदीब आजम ने मुलाकात की। इस दौरान वह भावुक हो गए। आजम को अदीब ने सांत्वना भी दी। अदीब बोले, अब्बा कुछ समय की परेशानी है। सब कुछ जल्द ठीक हो जाएगा। दूसरी ओर आजम खां की एक झलक पाने को सपाई बेताब दिखे। हालांकि पुलिस की सख्ती के चलते वे उनसे मिल नहीं सके। सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर, प्रदेश सचिव अखिलेश कुमार समेत तमाम कार्यकर्ता आजम खां से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। 

अभियोजन पक्ष ने पेश किए थे 14 गवाह

डूंगरपुर बस्ती के एहतेशाम का आरोप है कि सपा नेता आजम खां के इशारे पर सीओ आले हसन के साथ मिलकर सपाइयों ने एहेतशाम के घर में घुसकर मारपीट और धमकाने की घटना को अंजाम दिया था। हालांकि इन सभी पर डकैती डालने का भी आरोप लगाया था, लेकिन वह साबित नहीं हो पाया।

कोर्ट में जब यह मामला पहुंचा तो अभियोजन पक्ष की ओर से अपना केस साबित करने के लिए एहतेशाम समेत 14 गवाहों को पेश किया गया,जिन्होंने अपने बयान में आरोपों की पुष्टि की,जबकि सपा नेता आजम खां समेत अन्य आरोपियों ने दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए।

जिसमें उल्लेख किया कि विवादित भूमि नगर पालिका के रिकार्ड में टंचिंग ग्राउंड के रूप में दर्ज थी और पालिका की एनओसी पर डूडा ने आसरा काॅलोनी का निर्माण कराया था। बचाव पक्ष की ओर से कोई मौखिक साक्ष्य पेश नहीं किया गया था। हालांकि कोर्ट में डकैती का आरोप साबित नहीं हो सका। 

एक मुकदमे में बरी हो चुके हैं आजम 

डूंगरपुर से जुड़े एक मुकदमे में कोर्ट ने 31 जनवरी 2024 को आजम खां सहित अन्य सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।

Son Adeeb met Azam: Abba, there is some problem for some time.. everything will be fine soon

डूंगरपुर प्रकरण में आजम खां समेत चार दोषी करार 

डूंगरपुर बस्ती में घर में घुसकर मारपीट, गाली-गलौज, धमकाने और आपराधिक षड्यंत्र रचने के मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने सपा नेता आजम खां, रामपुर के पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां और रिटायर्ड सीओ आले हसन समेत चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों को कोर्ट 18 मार्च को सजा सुनाएगी। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सपा के प्रदेश सचिव ओमेंद्र सिंह चौहान समेत तीन आरोपियों को बरी कर दिया।

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गंज थाना क्षेत्र में डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने को लेकर 12 मुकदमे 2019 में दर्ज हुए थे। यह सभी मामले बस्ती में रहने वाले लोगों की ओर से दर्ज कराए गए थे। इसमें से एक मामला बस्ती निवासी एहतेशाम ने गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने घर में घुसकर मारपीट, गाली-गलौज, डकैती और आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप में सपा पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन, फरमान नासिर, जिबरान नासिर, सपा के प्रदेश सचिव ओमेंद्र सिंह चौहान को आरोपी बनाया था। 

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आजम खां को आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया गया था। कोर्ट में चार मार्च को इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी थी। शनिवार को इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अमित सक्सेना ने बताया कि एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट के न्यायाधीश डाॅ. विजय कुमार ने सपा नेता आजम खां, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, रिटायर्ड पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन, ठेकेदार बरकत अली को दोषी करार दिया है। जबकि ओमेंद्र सिंह चौहान, जिबरान नासिर, फरमान नासिर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। अदालत दोषी ठहराए गए सभी चारों आरोपियों को 18 मार्च को सजा सुनाएगी। 

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ये ठहराए गए दोषी

  • सपा नेता मोहम्मद आजम खां
  • पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां
  • रिटायर्ड सीओ आले हसन
  • ठेकेदार बरकत अली
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क्या है डूंगरपुर प्रकरण

सपा की पिछली सरकार में गंज थाना क्षेत्र के डूंगरपुर में आसरा आवास बनाने के लिए वहां पर पहले से रह रहे लोगों को घरों पर बुलडोजर चलवा दिया गया था और उनका सामान लूट लिया गया था। इस मामले में 2019 में अलग-अलग 12 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इन मुकदमों में आजम खां को आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया गया था।

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सीतापुर की जेल से पेशी पर आए आजम

डूंगरपुर प्रकरण के मुकदमे की सुनवाई के दौरान सपा नेता आजम खां को सीतापुर की जेल से पेशी पर लगाया गया। अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में कोर्ट से सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद से आजम खां सीतापुर की जेल में बंद हैं। कोर्ट ने इस मामले में आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को भी सात-सात साल की सजा सुनाई थी। अब्दुल्ला हरदोई और डॉ. फात्मा रामपुर की जेल में बंद हैं।

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