भारतीय टीम विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार गई। इस हार के बाद टीम इंडिया के प्रशंसक बहुत निराश हैं। वहीं, कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों को ट्रोल भी किया। निराशा में डूबी टीम इंडिया को 1983 में विश्व कप जीतने वाले कप्तान कपिल देव का साथ मिला है। उन्होंने कहा कि हार के बाद गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ने का समय है।
कपिल देव से पूछा गया कि खिलाड़ी हार के बाद में सदमे में हैं। उनसे क्या कहेंगे? इस पर पूर्व कप्तान ने कहा कि खिलाड़ियों को आगे बढ़ना होगा। आप ये नहीं कह सकते हैं कि एक हार हुई है तो उसे सारी उम्र साथ रखें। एक खिलाड़ी को आगे बढ़ना होता है। जो हुआ उसे बदला नहीं जा सकता। कड़ी मेहनत करते रहें। एक खिलाड़ी होने का यही तो मतलब होता है। उन्होंने वास्तव में अच्छा क्रिकेट खेला। हां, वे अंतिम बाधा पार नहीं कर सके। हम इस गलती क्या सीख सकते हैं इस पर ध्यान देना है।''
फाइनल के दिन स्टेडियम में नहीं थे कपिल देव
कपिल देव विश्व कप फाइनल के दौरान स्टेडियम में नहीं थे। इस पर उन्होंने हाल ही में कहा था कि उन्हें फाइनल के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया था। वह चाहते थे कि 1983 की विजेता टीम के सभी सदस्यों के साथ वह स्टेडियम में मैच देखें लेकिन उन्हें बुलाया ही नहीं गया।
मैच में क्या हुआ था?
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया था। भारतीय टीम 50 ओवर में 240 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने 43 ओवर में चार विकेट पर 241 रन बनाकर मैच को जीत लिया। कंगारू टीम के लिए ट्रेविस हेड ने 141 रन की मैज जिताऊ पारी खेली। मार्नश लाबुशेन ने नाबाद 58 रन बनाए। मिचेल मार्श 15, डेविड वॉर्नर सात, स्टीव स्मिथ चार रन बनाकर आउट हुए। ग्लेन मैक्सवेल ने नाबाद दो रन बनाए।
भारत के लिए केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 और विराट कोहली ने 54 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने 47 और सूर्यकुमार यादव ने 18 रन बनाए। कुलदीप यादव ने 10 रनों का योगदान दिया। इन पांच खिलाड़ियों के अलावा कोई भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। रवींद्र जडेजा नौ, मोहम्मद शमी छह, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल चार-चार रन बनाकर आउट हुए। जसप्रीत बुमराह एक रन ही बना पाए। मोहम्मद सिराज नौ रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को दो-दो सफलता मिली। ग्लेन मैक्सवेल और एडम जम्पा ने एक-एक विकेट लिए।