राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को डूरंड कप 2024 का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में टूर्नामेंट की ट्रॉफियों का अनावरण किया। इनमें डूरंड कप, प्रेसिडेंट्स कप और शिमला ट्रॉफी शामिल हैं।
एशिया के सबसे पुराने और दुनिया के पांचवें सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट का 133वां सत्र 27 जुलाई से शुरू होगा। इसके मैच चार शहरों–कोलकाता, असम में कोकराझार, मेघालय में शिलांग और झारखंड में जमशेदपुर में खेले जाएंगे।
राष्ट्रपति ने की भारतीय फुटबॉल के उत्थान की बात
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "फुटबॉल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है। पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी लोगों का मनोरंजन करते हैं। वर्तमान में यूरो 2024 चल रहा है और इसे दुनिया भर में देखा जा रहा है, यह हर जगह खबरों में है। देश के सभी हितधारकों को भारत में खेल के उत्थान के लिए मिलकर काम करना चाहिए।"
राष्ट्रपति ने देश की फुटबॉल परंपरा में डूरंड कप के योगदान की याद दिलाई जिसका नाम इसके संस्थापक सर हेनरी मोर्टिमर डूरंड के नाम पर रखा गया था। सर हेनरी 1884 से 1894 तक भारत के विदेश सचिव रहे।
राष्ट्रपति ने याद किया टूर्नामेंट का इतिहास
राष्ट्रपति ने 1888 में शिमला में पहली बार आयोजित इस टूर्नामेंट के बारे में कहा, "यह भारत का सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है और यह 135 साल से भी अधिक पुराना है। भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 1950 में डूरंड कप विजेताओं को प्रेसिडेंट्स कप प्रदान किया था।"
आठ टीमें – ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली टीम और दूसरे स्थान पर रहने वाली दो सर्वश्रेष्ठ टीम नॉकआउट चरण के लिए क्वालिफाई करेंगी। आगामी टूर्नामेंट में बांग्लादेश और भूटान की सेना की टीमें भी हिस्सा ले रही हैं। फाइनल कोलकाता के विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन में होगा।