चंडीगढ़। भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे ओपनर पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी में शानदार फॉर्म दिखाते हुए सोमवार को इतिहास रच दिया। महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए उन्होंने चंडीगढ़ के खिलाफ एलीट ग्रुप-बी मुकाबले की दूसरी पारी में मात्र 141 गेंदों में दोहरा शतक ठोक दिया। यह रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप इतिहास का दूसरा सबसे तेज दोहरा शतक है।
शॉ ने इस पारी में 29 चौके और 5 छक्के जड़ते हुए नाबाद 222 रन बनाए। इस प्रदर्शन के साथ उन्होंने राहुल सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने पिछले सीजन में 143 गेंदों पर दोहरा शतक लगाया था। अब इस मामले में पृथ्वी से आगे केवल रवि शास्त्री हैं, जिन्होंने 1984-85 सीजन में 123 गेंदों में यह उपलब्धि हासिल की थी।
तीसरा सबसे तेज भारतीय दोहरा शतक
यह पारी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में किसी भारतीय बल्लेबाज का तीसरा सबसे तेज दोहरा शतक बन गई है। इस सूची में पृथ्वी से आगे केवल तन्मय अग्रवाल (119 गेंदें, अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 2024) और रवि शास्त्री (123 गेंदें, बड़ौदा के खिलाफ 1985) हैं।
महाराष्ट्र ने मजबूत बढ़त के साथ पारी घोषित की
महाराष्ट्र ने पृथ्वी के तूफानी प्रदर्शन के दम पर दूसरी पारी तीन विकेट पर 359 रन पर घोषित की और चंडीगढ़ को जीत के लिए 464 रनों का विशाल लक्ष्य दिया। टीम की ओर से सिद्धेश वीर ने 62, ऋतुराज गायकवाड़ ने 36 और अर्शीन कुलकर्णी ने 31 रन जोड़े।
इससे पहले महाराष्ट्र ने पहली पारी में 313 रन बनाए थे और चंडीगढ़ को 209 रन पर समेटकर 104 रनों की बढ़त हासिल की थी। दूसरी पारी में पृथ्वी के धमाकेदार शतक ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
शॉ, जो हाल ही में मुंबई से महाराष्ट्र टीम में शामिल हुए हैं, ने इससे पहले सीजन के अपने पहले मैच में 72 गेंदों पर शतक ठोककर चर्चा बटोरी थी। घरेलू क्रिकेट में यह शानदार प्रदर्शन निश्चित रूप से भारतीय टीम में वापसी की उनकी उम्मीदों को नई ऊर्जा देगा।