बीसीसीआई के 36वें अध्यक्ष बने रोजर बिन्नी, एनुअल जनरल मीटिंग में लगी मुहर

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को नया अध्यक्ष मिल गया है। मंगलवार को मुंबई के ताज होटल में हुई बीसीसीआई की एनुअल जनरल मीटिंग में इस पर मुहर लगी। बैठक में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और पूर्व दिग्गज क्रिकेटर और नए अध्यक्ष रोजर बिन्नी खुद मौजूद रहे।

रोजर बिन्नी

इस बैठक में बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष और आईसीसी चेयरमैन पद सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बीसीसीआई के पदाधिकारियों का चुनाव महज एक औपचारिकता माना जा रहा था। 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य रोजर बिन्नी का अध्यक्ष बनना भी तय माना जा रहा था। बोर्ड उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने पहले ही कह दिया था कि वह निर्विरोध चुने जा सकते हैं और वही हुआ है।

सौरव गांगुली एजीएम में पहुंचते हुए

राजीव शुक्ला का उपाध्यक्ष, जय शाह का सचिव, आशीष शेलार का कोषाध्यक्ष, देवाजीत सैकिया का संयुक्त सचिव और अरुण धूमल का आईपीएल चेयरमैन बनना तय है। बोर्ड के सदस्य सलाना बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि क्या बीसीसीआई को आईसीसी चेयरमैन पद के लिए अपना उम्मीदवार पेश करना चाहिए या मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले को ही एक और कार्यकाल के लिए समर्थन देना चाहिए।

जय शाह, अरुण धूमल और राजीव शुक्ला

आईसीसी चेयरमैन पद के लिए कौन हो सकता है भारतीय दावेदार?
आईसीसी चेयरमैन पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 20 अक्तूबर है। 11 से 13 नवंबर तक मेलबर्न में होने वाली आईसीसी बोर्ड की बैठक में इस पर फैसला होगा। पिछले दिनों सौरव गांगुली के नाम की चर्चा आईसीसी चेयरमैन पद के लिए हुई, लेकिन अभी तक अंतिम मुहर नहीं लगी है। इसी बीच, यह खबर आई कि गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरेंगे। 

समाचार एजेंसी पीटीआई को बोर्ड के अधिकारी ने बताया, ”यह तय है कि आईसीसी बोर्ड की बैठक में जय शाह ही भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। अब बोर्ड के सदस्यों को इस बात का फैसला करना है कि आईसीसी चेयरमैन पद के लिए हमारा कोई उम्मीदवार हो या हम ग्रेग बार्कले को दूसरा कार्यकाल पूरा करने दें।”

बीसीसीआई एजीएम शुरू

राज्य संघों को मिलेंगे 30-30 करोड़ रुपये
एजीएम के दौरान राज्य संघों के लिए 30-30 करोड़ रुपये को लेकर भी चर्चा हुई। हालांकि, यह उनका अधिकार है, लेकिन राज्य इकाइयों को बताया गया है कि उनके खाते में उनके हिस्से के रूप में 30 करोड़ रुपये जमा किए जाएंगे। उत्तर पूर्व और नए राज्यों का हिस्सा थोड़ा भिन्न हो सकता है, लेकिन बीसीसीआई के सभी सदस्य एक बड़ी गिरावट के लिए तैयार हैं।

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