भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले पहलवानों को एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दिए जाने पर जमकर बवाल हो रहा है। पहले पूर्व ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने इसका विरोध किया था। इसके बाद कुछ और लोगों ने भी इसका विरोध किया। इस पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत धरना दे रहे पहलवानों ने उन पर हमला बोला था। हालांकि, अब यह मामला बढ़ गया है। कुछ लोग पहलवानों पर धरने की आड़ में छूट लेने के आरोप लगा रहे हैं। इस पर अब विनेश ने चिट्ठी साझा कर पूरे मामले से पर्दा उठाया है। उन्होंने लिखा कि ट्रायल्स में जो छूट धरना दे रहे पहलवानों को दी जा रही है, खेल मंत्रालय को लिखी गई चिट्ठी में इसकी मांग उन्होंने की ही नहीं थी।
क्या है मामला
कुश्ती गतिविधियों के संचालन के लिए गठित तदर्थ समिति (एड हॉक पैनल) ने बजरंग, विनेश, साक्षी मलिक, सत्यव्रत कादियान, संगीता फोगाट और जितेंदर कुमार को 16 जून को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें एशियाई खेलों/विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल के लिए अगस्त में सिर्फ एक बाउट ही खेलनी पड़ेगी। ट्रायल में उनके भार वर्गों के विजेता पहलवान से उनका मुकाबला होगा। इस पर बवाल होने पर विनेश ने ट्विटर पर चिट्ठी की तस्वीर साझा कर कैप्शन में लिखा- हम आंदोलित पहलवानों ने ट्रायल्स को सिर्फ आगे बढ़ाने के लिए चिट्ठी लिखी थी, क्योंकि पिछले छह महीने से आंदोलन में शामिल होने के कारण हम प्रैक्टिस नहीं कर पाए।
विनेश ने लिखा, ''इस मामले की गंभीरता को हम समझते हैं इसलिए यह चिट्ठी आपसे साझा कर रहे हैं। दुश्मन पहलवानों की एकता में सेंध लगाना चाहता हैं। उसे कामयाब न होने दें।'' चिट्ठी में पहलवानों ने लिखा था, ''खेल मंत्री महोदय जी, निवेदन है कि आंदोलन में शामिल होने वाले कुछ पहलवानों को एशियन गेम्स 2023 और वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 की ट्रायल्स की तैयारी के लिए कुछ समय की आवश्यक्ता है, जिनके नाम निम्नलिखित हैं-
1. विनेश फोगाट (53 किग्रा)
2. बजंरग पूनिया (65 किग्रा)
3. साक्षी मलिक (62 किग्रा)
4. सत्यव्रत कादियान (97 किग्र)
5. संगीता फोगाट (57 किग्रा)
6. जितेंदर कुमार (86 किग्रा)
अत: कृपया करके इनकी ट्रायल्स को 10 अगस्त 2023 के बाद करवाई जाए।''
योगेश्वर और पहलवान आमने सामने आ गए थे

इसके साथ ही सभी पहलवानों ने चिट्ठी पर हस्ताक्षर भी किए हैं। पहलवानों का कहना है कि उन्होंने सिर्फ ट्रायल्स को आगे बढ़ाने की मांग की थी, न कि सिर्फ एक मैच उन्हें देने की। वहीं, बजरंग पूनिया ने भी चिट्ठी साझा की है। इसी मामले पर योगेश्वर दत्त और बाकी धरना दे रहे पहलवानों के बीच भी जुबानी जंग हुई थी। योगेश्वर ने तदर्थ समिति के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ऐसे ही ट्रायल कराने हैं तो ओलंपिक पदक विजेता रवि कुमार दहिया, दीपक पूनिया, अंशु मलिक, सोनम मलिक और देश के दूसरे नंबर एक पहलवानों को भी छूट दी जाए। उन छह पहलवानों को ट्रायल में छूट देना उनकी समझ से परे है। उन्होंने कहा कि यह सरासर गलत है। उन्होंने दूसरे पहलवानों से इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाने को कहा था।
धरने पर बैठने वालीं विनेश फोगाट ने पलटवार करते हुए योगेश्वर की तुलना जयचंद से की थी। विनेश ने कहा कि योगेश्वर ने ही आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण को बताए। योगेश्वर बृजभूषण की थाली का जूठा खा रहे हैं। इतना ही नहीं साक्षी और बजरंग ने भी योगेश्वर को जवाब देते हुए कहा था- पंचायत बुलाओ, ट्रायल में छूट मांगी हो तो कुश्ती छोड़ देंगे, लेकिन बृजभूषण के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। पहलवानों ने कहा कि ये फैसला भी बोर्ड का है। खिलाड़ियों ने ना कोई राहत मांगी नियम से। पहले जिन्हें ऐसे राहत मिली है उसमे खुद योगेश्वर शामिल हैं।