श्रीलंकाई नौसेना ने कथित तौर पर भटककर श्रीलंकाई जल क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद तमिलनाडु के 37 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया और उनकी मछली पकड़ने वाली पांच नौकाओं को जब्त कर लिया। मत्स्य पालन के एक अधिकारी ने रविवार को यहां यह जानकारी दी।
इन लोगों को शनिवार रात श्रीलंकाई नौसेना के एक अभियान के दौरान पकड़ा गया। अकेले इसी महीने श्रीलंकाई नौसेना ने मछली पकड़ने वाली दस नौकाओं 64 मछुआरों को पकड़ा है। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाया है और विदेश मंत्री एस जयशंकर से सभी मछुआरों और उनकी नौकाओं की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।
श्रीलंकाई नौसेना द्वारा शनिवार को 37 भारतीय मछुआरों को उनकी नौकाओं के साथ पकड़े जाने की ओर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे मछुआरे आजीविका के लिए पूरी तरह से मछली पकड़ने की गतिविधि पर निर्भर हैं और इन लगातार गिरफ्तारियों से मछुआरा समुदाय को बहुत परेशानी और पीड़ा हो रही है। जयशंकर को रविवार को लिखे एक पत्र में स्टालिन ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना के इस तरह के कृत्यों ने राज्य के मछुआरा समुदायों पर दबाव डाला है और उनके मन में दहशत पैदा की है।
उन्होंने कहा, “मैं यह बताना चाहता हूं कि तमिलनाडु के मछुआरों को लगता है कि उनकी आवाज कम हो रही है और मैं महसूस कर रहा हूं कि भारत सरकार को हमारे मछुआरों के अधिकारों के लिए और अधिक मुखर होकर खड़ा होना चाहिए और उनकी सुरक्षा के लिए बोलना चाहिए।”मुख्यमंत्री ने पाक खाड़ी क्षेत्र में भारतीय मछुआरों के मछली पकड़ने के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा करने की मांग दोहराई। उन्होंने पत्र में कहा कि गिरफ्तारियों और नौकाओं को जब्त करने से रोकने की लगातार मांग के बावजूद श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय मछुआरों को पकड़ना जारी रखा है।