पटना। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत बिहार में अब तक एक करोड़ महिलाओं को आर्थिक मदद मिल चुकी है। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 25 लाख महिलाओं को प्रतिव्यक्ति 10 हजार रुपये की दर से 2,500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में ट्रांसफर की। इससे पहले 26 सितंबर को योजना की शुरुआत के अवसर पर 75 लाख महिलाओं को कुल 7,500 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई थी। इस तरह अब तक महिलाओं के खातों में 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता पहुंच चुकी है।
परिवार की हर महिला को मिलेगा लाभ
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का उद्देश्य प्रत्येक परिवार की एक महिला को लाभ पहुंचाना है। जिन महिलाओं को अब तक राशि नहीं मिल पाई है, उनके लिए भी तिथियां तय कर दी गई हैं। अगला चरण 6 अक्टूबर को होगा।
रोजगार सफल तो अतिरिक्त मदद
नीतीश कुमार ने कहा कि जिन महिलाओं का रोजगार सफलतापूर्वक आगे बढ़ेगा, उन्हें आगे चलकर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने इस मौके पर पिछली सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही बिहार में कानून का राज स्थापित हुआ और शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में विकास की गति तेज हुई है।
महिला सशक्तिकरण की उपलब्धियां
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और 2007 में नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर शुरुआत की गई थी। इसके बाद 2013 से पुलिस भर्ती में और 2016 से सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।
उन्होंने कहा कि 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह (जीविका) की नींव रखी गई थी। तब से अब तक इनकी संख्या 11 लाख तक पहुंच चुकी है और इनमें 1.40 करोड़ से अधिक जीविका दीदियां जुड़ी हुई हैं। वर्ष 2024 से शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू हुआ, जिनकी संख्या अब 37 हजार हो गई है और इनमें करीब 3.85 लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं।