पटना। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में बिहार के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि जैसे हम अपने पर्व-त्योहारों और लोक आस्था के महापर्व छठ को उत्साह के साथ मनाते हैं, उसी तरह बिहार विधानसभा चुनाव में भी मतदान को जिम्मेदारी और उत्साह के साथ मनाया जाए। उन्होंने फिलहाल मतदान की तारीखों की घोषणा नहीं की, लेकिन भरोसा दिलाया कि 22 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि बिहार में कुल 243 सीटें हैं, जिसमें एससी 2 और एससी 38 शामिल हैं। चुनाव की तैयारी के तहत आयोग के अधिकारियों ने पहले ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव व्यवस्था पर चर्चा की है। मुख्य सचिव, विभागीय सचिव और डीजीपी के साथ भी रणनीति तैयार की जा चुकी है।

बूथ लेवल एजेंट्स और अधिकारियों की पहली बार ट्रेनिंग
चुनाव आयोग ने इस बार सभी बूथ लेवल एजेंट्स की पहली बार दिल्ली में ट्रेनिंग कराई। इसके बाद बूथ लेवल ऑफिसर्स और देशभर के 700 बूथ लेवल सुपरवाइजर्स-एजेंट्स की ट्रेनिंग भी आयोजित की गई। मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दौरान सभी अधिकारियों और मतदाताओं के सहयोग से काम समय पर पूरा किया गया। इसके अलावा, ARO और AERO को भी मानदेय प्रदान किया गया। वोटर कार्ड 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

नए सुरक्षा और सुविधा उपाय
इस बार सभी 90 हजार मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए मोबाइल रखने की व्यवस्था रहेगी। वोटर स्लिप में बूथ की संख्या और पता बड़े फॉन्ट में दिखाया जाएगा। 1500 से अधिक मतदाता वाले बूथों की भीड़ को कम करने के लिए अब किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। प्रत्याशी मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में स्टॉल लगा सकेंगे।

ईवीएम में उम्मीदवारों की तस्वीर और सीरियल नंबर बड़े फॉन्ट में होंगे। पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही अंतिम ईवीएम की गणना की जाएगी। पोलिंग स्टेशन की 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की व्यवस्था भी की गई है।

मतदाता सूची और चुनाव प्रक्रिया की अहमियत
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि मतदाता सूची बनाने और चुनाव कराने की जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारियों की है। 22 साल बाद बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण किया गया। यदि किसी का नाम छूट जाए या गलती हो, तो डीएम और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील का अधिकार है। चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करता है कि सभी नियमों का पालन हो और प्रक्रिया पारदर्शी रहे।

बिहार चुनाव में कुल 17 नए प्रयास चुनाव आयोग की ओर से किए जा रहे हैं, जिससे मतदान और मतदाता सुरक्षा दोनों बेहतर तरीके से सुनिश्चित हों।