बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद कमजोर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस ने आत्ममंथन की प्रक्रिया तेज कर दी है। शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से दिल्ली में मुलाकात की। बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, नेताओं ने चुनाव परिणामों, संगठनात्मक ढांचे और भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की।
बिहार में कांग्रेस ने 61 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे केवल छह सीटों पर जीत मिली।
'चुनाव शुरू से ही अनुचित थे' – राहुल गांधी
इससे एक दिन पहले राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बिहार चुनाव “शुरू से ही अनुचित” रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भले ही 61 सीटों पर लड़ी, लेकिन परिणाम उम्मीदों से बहुत दूर रहा। 2020 के चुनाव में पार्टी ने 70 में से 19 सीटें जीती थीं।
राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी अपने प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा करेगी और संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई जारी रखेगी।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने महागठबंधन की हार के लिए “वोट चोरी” को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और चुनाव आयोग ने मिलकर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया। रमेश ने कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
अजय माकन बोले—'नतीजे अप्रत्याशित, जांच आवश्यक'
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से मुलाकात के बाद अजय माकन ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पर शुरुआत से ही संदेह जताया जा रहा था और परिणाम भी उसी के अनुरूप अप्रत्याशित सामने आए।
उन्होंने कहा, “अतीत में ऐसा स्ट्राइक रेट कभी नहीं देखा गया। 1984 में कांग्रेस की लहर के समय भी ऐसा नहीं हुआ था। भाजपा के इस तरह के परिणामों पर सवाल उठना स्वाभाविक है। कार्यकर्ताओं से जो शिकायतें मिली हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। हम आंकड़े जुटा रहे हैं और फॉर्म 17C व मतदाता सूचियों का मिलान करके तथ्य सामने लाएंगे।”
बिहार चुनाव के नतीजे और राजनीतिक तस्वीर
राज्य में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था, जिसके नतीजे 14 नवंबर को आए। मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच रहा।
एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 202 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर कब्जा जमाया। दूसरी तरफ, महागठबंधन मात्र 35 सीटों तक सिमट गया।
एआईएमआईएम को पांच और बीएसपी को एक सीट मिली।
एनडीए में भाजपा ने 89, जदयू ने 85, लोजपा (रामविलास) ने 19, हम (सेक्युलर) ने पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने चार सीटें जीतीं।
महागठबंधन में राजद 25, कांग्रेस 6, सीपीआई(एमएल) को दो, जबकि भारतीय समावेशी पार्टी और सीपीआई(एम) को एक-एक सीट मिली।
इस बार बिहार में 67.13% मतदान हुआ, जो 1951 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है। खास बात यह रही कि महिला मतदाताओं की भागीदारी पुरुषों से कहीं अधिक रही—71.6% महिलाएं और 62.8% पुरुषों ने वोट डाला।