बिहार में सुपारी किलर्स पर शिकंजा, बनेगा डाटाबेस- एसटीएफ में निगरानी सेल गठित

बिहार में हाल के दिनों में हुई हत्याओं में सुपारी किलर्स की संलिप्तता सामने आने के बाद राज्य पुलिस ने उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की योजना बनाई है। एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सुपारी हत्यारों की पहचान और गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा।

इसके तहत विशेष निगरानी सेल का गठन किया गया है, जो स्टेट स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के अंतर्गत कार्य करेगा। यह सेल इन हत्यारों का विस्तृत प्रोफाइल—नाम, पता, फोटो और अन्य विवरण—तैयार करेगा, जिससे किसी वारदात के बाद पहचान और कार्रवाई में आसानी हो सकेगी।

कोढ़ा गैंग और तिवारी गैंग पर विशेष फोकस

एडीजी ने बताया कि कुख्यात कोढ़ा गैंग के खिलाफ अलग से ‘कोढ़ा सेल’ गठित किया गया है, जो बेगूसराय में सक्रिय तिवारी गैंग सहित अन्य आपराधिक समूहों पर कार्रवाई तेज करेगा।

नारकोटिक्स सेल को मिलेगी मजबूती

राज्य में नशा कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए STF में नारकोटिक्स सेल का भी गठन किया गया है, जिसे थानों के साथ समन्वय हेतु और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। इसमें कर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट की वापसी की तैयारी

संगीन अपराधों में तेजी से सजा सुनिश्चित करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट फिर से शुरू करने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है। एडीजी ने बताया कि पूर्व में इन अदालतों के माध्यम से हर वर्ष 2000 से 3000 अपराधियों को सजा मिलती थी, जबकि वर्तमान में यह संख्या 500-600 के बीच है।

अवैध संपत्ति जब्त करने की तैयारी

राज्य में ऐसे 1290 अपराधियों की पहचान की गई है, जिन्होंने आपराधिक गतिविधियों से संपत्ति अर्जित की है। पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है और जल्द ही उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी।

अभिभावकों पर भी कार्रवाई

यदि कोई नाबालिग अवैध हथियार या पिता की लाइसेंसी बंदूक के साथ पकड़ा जाता है, तो संबंधित अभिभावक के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी।

अपराध की घटनाओं में नहीं हुआ इजाफा: एडीजी

एडीजी कृष्णन ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में अपराध की घटनाओं में वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में मई-जून में अपराधों में गिरावट दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त, एसटीएफ की विशेष सूचनाओं के चलते दर्जनों लूट की घटनाओं को रोका गया और 700 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।

नक्सलियों का प्रभाव हुआ सीमित

राज्य में नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के संकेत देते हुए एडीजी ने बताया कि गया, औरंगाबाद, मुंगेर, जमुई जैसे जिलों में नक्सलियों की पकड़ कमजोर हुई है। इस वर्ष अब तक 82 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। अमरजीत भोक्ता की गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठनों की गतिविधियों में और गिरावट आई है। अब सिर्फ जमुई और खड़गपुर क्षेत्र में कुछ दस्ते सक्रिय हैं, जिनके खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी।

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