पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, बिहार ने राज्य के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग समुदाय की बालिकाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. ताकि प्रदेश की बालिकाएं बिना किसी बाधा के अपनी शिक्षा पूरी कर सके. विभाग ने पहले चरण में प्रत्येक प्रमंडल में 100 सीटों वाले एक-एक यानी कुल-9 जननायक कर्पूरी ठाकुर बालिका छात्रावास के निर्माण का अनुरोध किया है.

पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के लिए हर जिले में 100 आसन वाले एक-एक जननायक कर्पूरी ठाकुर बालिका छात्रावास का निर्माण प्रस्तावित है. वर्तमान में विभाग द्वारा छात्रों के लिए 36 जिलों में जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास एवं राज्य के कुल-20 जिलों में 23 अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास संचालित है.

गरीब और ग्रामीण बालिकाओं के लिए वरदान

गरीब एवं सुदूर ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखने वाली छात्राएं उच्चतर शिक्षा के लिए शहर आती हैं लेकिन उन्हें वहां सुरक्षित और सुविधाजनक आवास खोजने में काफी कठिनाई का सामना करना होता है. अच्छे निवास में खर्च भी काफी आता है जो गरीब छात्राएं वहन करने मे सक्षम नहीं होतीं. इस समस्या को दूर करने के लिए पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, बिहार द्वारा जननायक कर्पूरी ठाकुर बालिका छात्रावास के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है.

जननायक कर्पूरी ठाकुर बालिका छात्रावासों की स्थापना बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. बालिकाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध होने से वे अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी. यह पहल बिहार में पिछड़े समुदायों की बालिकाओं के लिए शिक्षा प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव लाएगी. शिक्षा के माध्यम से इन बालिकाओं का सशक्तिकरण होगा, जिससे वे समाज में अपना योगदान दे सकेंगी और अपने सपनों को साकार कर सकेंगी.

कन्या सशक्तिकरण पर सरकार का जोर

सरकार का मानना है कि बालिकाओं को शिक्षा के अवसर प्रदान करना उनके सशक्तिकरण और समाज के विकास के लिए आवश्यक है. इन छात्रावासों की स्थापना से निश्चित ही इन समुदायों की बालिकाओं का भविष्य उज्ज्वल होगा और बिहार के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान होगा.