बिहार को कितनी मिले आर्थिक सहायता… वित्त आयोग के अध्यक्ष ने पटना में बताया

केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया अपनी चार सदस्यीय टीम के साथ बिहार के दौरे पर हैं. उन्होंने पटना के होटल मौर्या में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बिहार से जुड़ी अपेक्षाओं और 16वीं वित्तीय आयोग के तहत मिलने वाली सहायता पर विस्तार से प्रकाश डाला. बिहार की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया.

इस दौरान राज्य सरकार ने वित्त आयोग से केंद्रीय कर के पुल से वर्तमान में राज्य को मिलने वाली करीब 41.5 फीसदी राशि केंद्रीय सहायता बढ़ाकर 50 फीसदी करने की सिफारिश की. हालांकि इस पर अभी आयोग की ओर से कोई सहमति नहीं प्रदान की गई है.

पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत की पहल

राज्य सरकार ने 16वीं वित्त आयोग से पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए 24 हजार 206 करोड़ रुपये तथा शहरी निकायों के विकास के लिए 35 हजार 25 करोड़ रुपये का अनुदान मांगा है. विभिन्न क्षेत्रों के लिए तत्काल वित्तीय सहायता के लिए वित्त आयोग से 1 लाख 79 करोड़ रुपये के अनुदान की मांग की है. मौसम अनुकूलन कृषि प्रथाओं की तैयारियों के लिए 703 करोड़ रुपये अनुदान मांगा गया है.

केंद्र सरकार की तरफ से सेस और सरचार्ज के माध्यम से राजस्व संग्रह में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इस आमदनी को केंद्र सरकार अब तक केंद्रीय टैक्स पुल से राज्यों को मिलने वाली हिस्सेदारी में शामिल नहीं करती है, लेकिन अब इस राशि को भी केंद्रीय अंशदान में शामिल करने की मांग की गई है. राज्य की रोजकोषीय क्षमता क्षमता को बढ़ाने के लिए 16वें वित्त आयोग से विशेष वित्तीय प्रावधान करने की अपेक्षा की गई है.

जैविक कटोरा बनाने के लिए खास पहल

बिहार को जैविक कटोरा बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 403 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान मांगा गया है. इसके अलावा राज्य की नहर प्रणाली को विकसित करने के लिए 13 हजार 800 करोड़ रुपये का अनुदान मांगा गया है. सुक्ष्म सिंचाई बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए 3 हजार 577 करोड़ रुपये का अनुदान मांगा गया है.

हरित आवरण और नहर प्रणाली पर काम

बिहार में हरित आवरण बढ़ाने के लिए विशेष पहल करने की आवश्यकता है. साथ ही नहर प्रणाली विकसित करने के लिए 13 हजार 800 करोड़ रुपये के अनुदान की मांग की गई है. सिंचाई बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 3 हजार 577 करोड़ रुपये के अनुदान की मांग की गई है. केंद्र सरकार से वर्तमान में चयनित महत्वाकांक्षी जिलों और प्रखंडों को सहायता प्रदान करने के लिए 13 हजार 500 करोड़ रुपये का वित्तीय अनुदान मांगा गया है. शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए 18 हजार 532 करोड़ रुपये तथा राज्य में एक विश्व स्तरीय फिल्म सिटी की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपये का अनुदान मांगा गया है.

आपदा प्रबंधन में सिर्फ 10 फीसदी अंशदान

पिछले वित्तीय आयोग ने राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए आवंटन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच 75 और 25 फीसदी अंशदान अनुपात की व्यवस्था है. इसमें बदलाव करते हुए पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों की तर्ज पर 10 फीसदी अंशदान करने की व्यवस्था करने की मांग की गई है.

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