संसद में होता तो अकेला ही काफी था- वक्फ बिल पर लालू यादव का बयान

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दिल्ली के AIIMS में भर्ती हैं. उनकी पीठ के घावों का ऑपरेशन हुआ, जो कि सफल रहा है. ऑपरेशन के बाद उन्हें ICU से सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके अकाउंट से एक पोस्ट किया गया है. इसमें केंद्र सरकार पर हमला बोला है. पोस्ट में लिखा, संघी-भाजपाई नादानों…तुम मुसलमानों की जमीनें हड़पना चाहते हो लेकिन हमने सदा वक्फ की जमीनें बचाने के लिए कड़ा कानून बनाया है और बनवाने में मदद की है.

इसी पोस्ट में आगे कहा गया, मुझे अफसोस है कि अल्पसंख्यकों, गरीबों, मुसलमानों और संविधान पर चोट करने वाले इस कठिन दौर में संसद में नहीं हूं अन्यथा अकेला ही काफी था. सदन में नहीं हूं तब भी आप लोगों के ख्यालों, ख्वाबों, विचारों और चिंताओं में हूं, यह देखकर अच्छा लगा. अपनी विचारधारा, नीति और सिद्धांतों पर प्रतिबद्धता, अडिगता और स्थिरता ही मेरे जीवन की जमा पूंजी है #WaqfAmendmentBill #WaqfBill.

यह विधेयक देशहित में है: जेपी नड्डा

उधर, वक्फ संशोधन बिल को लेकर राज्यसभा में सरकार की ओर से कहा गया कि यह विधेयक देशहित में है. इसका मकसद जमीन माफिया पर रोक लगाना है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद के उच्च सदन में कहा कि मौजूदा वक्फ कानून का दुरुपयोग हो रहा था, जिससे मुसलमानों को नुकसान और भूमि माफियाओं को लाभ मिल रहा था. यह विधेयक किसी विशेष पार्टी या वोट बैंक को ध्यान में रखकर नहीं लाया गया, बल्कि वक्फ संपत्तियों के उचित प्रबंधन और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए है.

मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहा विपक्ष

उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वो मुद्दे को भटकाने और गलत विमर्श बनाने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष के इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही. इस पर नड्डा ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में इस विधेयक पर व्यापक चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि 2013 में यूपीए सरकार के दौरान गठित जेपीसी में सिर्फ 13 सदस्य थे, जबकि मोदी सरकार की जेपीसी में 31 सदस्य.

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