बिहार में इस साल चुनाव होने हैं. इसे लेकर राजनीतिक दलों की ओर से विकास के दावे और वादों की बौछार हो रही है. केंद्र सरकार की ओर से बिहार को लेकर एक मेगा रेलवे प्लान भी है. टीवी9 भारतवर्ष को मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी सहरसा और मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) के बीच एक नई अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे. यह ट्रेन प्रवासी मजदूरों, छात्रों और अन्य कामकाजी पेशेवरों को सुविधा प्रदान करेगी जो आजीविका के लिए मुंबई जाते हैं.
इस बीच, राज्य के भीतर सुगम यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए तीन अन्य यात्री ट्रेनों का भी उद्घाटन किया जाएगा. इनमें पिपरा-सहरसा पैसेंजर, बिथान-समस्तीपुर पैसेंजर और अलौली-सहरसा पैसेंजर शामिल हैं. इनमें बिहार की पहली नमो भारत रैपिड रेड जिसे वंदे मेट्रो के नाम से भी जाना जाता है, पटना और मधुबनी के बीच चलेगी. सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन राज्य की राजधानी और मधुबनी के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देगी.
चुनावी साल में पीएम मोदी का गिफ्ट
साल 2024-25 के लिए बिहार में 152.33 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाने का लक्ष्य रखा गया था. इनमें से लगभग 86.89 किलोमीटर ट्रैक बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है. जिन रुटों पर ट्रैक का काम चल रहा है उनमें सुगौली बाल्मिकीनगर चनपटिया (7.24 Km), सुगौली बाल्मिकीनगर चनपटिया साठी (9.53 Km), सुगौली बाल्मिकीनगर हरिनगर भैरोगंज (8.17 Km) दरभंग बायपास लाइन (9.48 Km), मुजफ्फरपुर सुलौली कपारपुरा पिपराहन (9.90), खगड़िया कुश्वेश्वर स्थान – अलौली ( 19 km) अररिया सुपौल पिपरा (22 km), इसके साथ ही ललितग्राम से ललिगग्राम बायपास लाइन (1.57 km) शामिल है.
बिहार में रेल नेटवर्क बढ़ाने पर रेलवे का जोर
रेलवे से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, साल 2014 से लेकर अबतक बिहार में रेल नेटवर्क को बढ़ाने के लिए रेलवे मंत्रालय की ओर से 14715.91 करोड़ रुपया दिया गया है. साल 2014 में 275.29 करोड़ रुपया, 2015 में 587.59 करोड़ रुपया, 2016 में 1072.10 करोड़ रुपया, 2017 में1341.37 करोड़ रुपया, 2018 में 1000.33 करोड़ रुपया, 2019 में 1110.73 करोड़ रुपया, 2020 में 1105.19 करोड़ रुपया, 2021 में 1423.49 करोड़ रुपया, 2022 में 1745.31 करोड़ रुपया, 2023 में 2827.57 करोड़ रुपया और 2024-25 में 2226.94 करोड़ बिहार में रेल नेटवर्क के डेवलपमेंट के लिए दिया गया.