पप्पू यादव के बयान से महागठबंधन में हलचल, कांग्रेस के सीएम चेहरे को लेकर बढ़ी चर्चा

बिहार में महागठबंधन द्वारा बुलाए गए बिहार बंद के दौरान कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को वाहन पर चढ़ने से रोके जाने की घटना ने राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा बटोरी। इस प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर कन्हैया कुमार के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें भी तेज़ हो गई थीं। हालांकि अब पप्पू यादव के हालिया बयान ने राज्य की राजनीति में एक नई सरगर्मी पैदा कर दी है।

पप्पू यादव ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कई सक्षम चेहरे मौजूद हैं, जिनमें राजेश राम और सांसद तारिक अनवर का नाम प्रमुखता से लिया गया। उन्होंने यह भी संकेत दिए हैं कि भले ही बिहार बंद के आयोजन में कांग्रेस ने उन्हें किनारे रखा हो, लेकिन पार्टी अब उन्हें अहम भूमिका देने की तैयारी में है।

दिल्ली में राहुल और खरगे से मुलाकात

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पप्पू यादव दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। यह बैठक एक अहम रणनीतिक चर्चा का हिस्सा रही, जिसमें घोषणापत्र समिति के गठन, चुनाव प्रचार की शुरुआत और गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर गंभीर विमर्श हुआ।

बैठक में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और पार्टी प्रभारी कृष्णा अल्लावारू भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि कांग्रेस अब चुनाव में नेतृत्व और चेहरा दोनों को लेकर स्पष्ट रणनीति बना रही है।

बिहार बंद में उपेक्षा बनी चर्चा का विषय

बिहार बंद के दौरान कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को उस वाहन पर चढ़ने नहीं दिया गया, जिस पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और दीपंकर भट्टाचार्य सहित अन्य नेता सवार थे। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद यह सवाल उठने लगे कि क्या कांग्रेस और महागठबंधन में कुछ नेताओं की भूमिका सीमित की जा रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव और कन्हैया कुमार की लोकप्रियता को देखते हुए कुछ नेता नहीं चाहते कि ये दोनों तेजस्वी यादव के समीप आएं, क्योंकि इससे तेजस्वी की सियासी स्थिति पर असर पड़ सकता है।

क्या कांग्रेस अब नए समीकरण की ओर?

पप्पू यादव के हालिया बयानों और कांग्रेस नेतृत्व से उनकी मुलाकातों को देखते हुए राजनीतिक पंडित यह मान रहे हैं कि पार्टी उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में प्रमुख भूमिका दे सकती है। ऐसे संकेत महागठबंधन के भीतर संभावित खींचतान को उजागर करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here