बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार सोमवार को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने वाली है, क्योंकि इस साल अक्टूबर-नवंबर के आसपास विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है. ऐसे में इस चुनावी साल के बजट में नीतीश सरकार का फोकस महिलाओं, किसानों और युवाओं पर रहने की उम्मीद है और इसके साथ ही महिलाओं से जुड़ी कई घोषणाएं भी होने की उम्मीद है, जिनकी संख्या राज्य में करीब 6 करोड़ है. इस बीच, बजट से पहले राजद के नेता तेजस्वी यादव ने मांग की है कि महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपए दिए जाएं और 200 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाए.

तेजस्वी यादव ने रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि बिहार सरकार सोमवार बजट पेश करने जा रही है, और इस अवसर पर हमने सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं. नीतीश कुमार जी पिछले 20 वर्षों से मुख्यमंत्री हैं, लेकिन सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.

उन्होंने सवाल किया कि क्या कारण है कि वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को 4-5 महीने तक पेंशन नहीं दी जाती? क्या भ्रष्टाचार के कारण सरकार का खजाना खाली हो गया है, जो पेंशन समय पर नहीं दी जा रही?

महिलाओं को मिले प्रति माह 2500 रुपए

उन्होंने मांग की कि वृद्धजन पेंशन योजना के तहत वृद्धजनों की मासिक पेंशन 400 से बढ़ाकर 1500 रुपए की जाए. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद वृद्धावस्था पेंशन 30 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए की थी अब इसे और बढ़ाने की जरूरत है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि दिव्यांगजनों की पेंशन भी 400 रुपए से बढ़ाकर 1500 की जाए. उन्होंने कहा कि महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. बिहार की महिलाएं गरीबी और अभाव में जीवन यापन कर रही हैं. हमारी मांग है कि महिलाओं को 2500 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता सीधे उनके खाते में दी जाए, ताकि वे अपने और अपने बच्चों की बेहतर देखभाल कर सकें. आप चाहें तो हमारी “माई बहिन मान योजना” की नकल कर सकते हैं.

200 यूनिट फ्री बिजली देने की मांग

उन्होंने कहा कि विधवा पेंशन योजना के तहत विधवा माताओं और बहनों की पेंशन भी 400 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए की जाए. उन्होंने कहा कि बढ़ती बिजली दरों से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार परेशान हैं. हमारी मांग है कि 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए और किसानों को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हटने के बाद नियुक्तियां रुक गई हैं. हमने 10 लाख नौकरियां देने का वादा करवाया था, अब इसे बिना आंकड़ों की बाजीगरी के जल्द से जल्द पूरा किया जाए.

उन्होंने कहा कि जातिगत सर्वे में 94 लाख गरीब परिवारों की पहचान की गई थी, जिनकी मासिक आय 6000 रुपए से कम है. हमारी सरकार ने इन परिवारों को 2 लाख देने की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ. उन्होंने सवाल किया कि एक साल में इस सरकार ने कितने गरीबों की मदद की?

उन्होंने सवाल किया कि भूमिहीनों को जमीन देने की योजना क्यों ठप पड़ी है? गरीबों को हक क्यों नहीं दिया जा रहा? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आप कुछ भी करें, लेकिन तेजस्वी यादव द्वारा खींची गई लकीर को पार करना आपके लिए संभव नहीं है, क्योंकि आपके पास न कोई नई सोच है, न रोडमैप, और न ही कोई ठोस योजना.