बिहार के किसानों को जल्द ही डिजिटल तकनीक का बड़ा लाभ मिलने वाला है। राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल कृषि निदेशालय के गठन को मंजूरी दे दी है। इसके शुरू होने के बाद किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ रियल टाइम में मिलेगा और खेती से जुड़े अधिकांश काम मोबाइल एप और ई-गवर्नेंस टूल्स के जरिए आसान हो जाएंगे।
योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी
नया निदेशालय न सिर्फ किसानों की मदद करेगा, बल्कि कृषि विभाग के विभिन्न निदेशालयों, निगमों और क्षेत्रीय कार्यालयों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ेगा। ई-गवर्नेंस और ई-ऑफिस प्रणाली के इस्तेमाल से योजनाओं के क्रियान्वयन की रफ्तार बढ़ेगी और सेवाएं समय पर किसानों तक पहुंच सकेंगी।
फार्मर रजिस्ट्री अब होगी डिजिटल
किसानों को घर बैठे ही कृषि से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध होंगी। फार्मर रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया अब डिजिटल माध्यम से होगी, जिससे समय और श्रम दोनों की बचत होगी। इसके साथ ही ई-डैशबोर्ड पर योजनाओं की निगरानी और विभागों के बीच समन्वय भी आसान बनेगा।
खेती में तकनीकी बदलाव का नया अध्याय
सरकार का कहना है कि इस पहल से बिहार की कृषि में तकनीकी बदलाव आएगा। पारदर्शिता बढ़ेगी, आंकड़े अधिक सटीक होंगे और किसान सीधे खेत से ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे, जिससे कृषि क्षेत्र में नई क्रांति का मार्ग प्रशस्त होगा।