कटिहार में बिहार राज्य मदरसा बोर्ड द्वारा संचालित वस्तानिया की परीक्षा में सामूहिक नकल करने की तस्वीर सामने आई है. यहां मदरसे के छात्र परीक्षा देते हुए आपस में नकल कर रहे हैं. इतना ही नहीं नकल के लिए छात्रों के अभिभावक भी उनकी मदद करते नजर आ रहे हैं. मदरसे में परीक्षा के दौरान हो रही नकल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसपर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने मदरसा बोर्ड को शिकायत और मदरसे की मान्यता रद्द करवाने की बात कही है.

सामूहिक नकल का मामला कटिहार के फलका प्रखंड के अख्तरुल उलूम निसुन्दरा पुल के समीप मदरसा का है, जिसने मदरसा बोर्ड द्वारा संचालित शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. इन दिनों बिहार के कई विभागों में मदरसा बोर्ड द्वारा सफल परीक्षार्थियों को नौकरी में आवेदन करने का अवसर दिया गया है, ऐसे में इस तरह परीक्षा के सहारे सफल अभ्यर्थी अगर नौकरी में जाएंगे तो कैसे व्यवस्था बेहतर हो पाएगा?

फर्श पर बैठ कर रहे जमकर नकल

वायरल वीडियो में परीक्षार्थी जमीन पर बैठकर एक साथ नकल करते और परिजनों के द्वारा नकल करवाते देखे जा सकते हैं, छात्र फर्श पर बैठे हुए हैं , किताबें दोनों मौजूद है, जिससे वे लोग बड़े आराम से नकल कर रहे हैं. कई फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होकर उत्तर पुस्तिकाएं लिख रहे हैं. छात्र फर्श पर चटाई या कपड़े बिछाकर परीक्षा दे रहे हैं. परीक्षा दे रहे सभी अभ्यर्थी और फर्जी अभ्यर्थी एक साथ बैठकर नकल कर रहे हैं.

मदरसे में हैं 120 छात्र

वीडियो में देखा जा सकता है कि खुलेआम किताबें देखकर उत्तर लिखे जा रहे हैं. मदरसा के शिक्षक मोहम्मद जमील ने बताया कि कुल 120 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए हैं, जिनमें 40 छात्र और 80 छात्राएं हैं. जब उनसे इस तरह से परीक्षा कराने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ये बच्चे हैं. वस्तानिया (आठवीं) की परीक्षा दे रहे हैं. सभी बच्चे लिखना-पढ़ना सीख रहे हैं, इसलिए इस तरह से परीक्षा चल रही है.

कराई जाएगी मदरसे की मान्यता रद्द

इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम दहीम प्रसाद का कहना है कि वस्तानिया की परीक्षा कदाचार मुक्त माहौल में कराई जानी चाहिए. अगर इस तरह से परीक्षा चल रही है, तो मदरसा पर कार्रवाई करते हुए उनका पंजीकरण रद्द करने के लिए मदरसा बोर्ड को लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों में परीक्षाएं आयोजित करना शैक्षणिक मानकों का उल्लंघन है. हम संस्थान के प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगेंगे और आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.