कोरबा जिले के पासरखेत गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब ग्रामीणों ने एक विशालकाय किंग कोबरा को खेतों के पास रेंगते देखा। अचानक इतने बड़े विषधर के दिखाई देने से लोग घबरा गए और मौके पर भीड़ जुट गई। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग और नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी की टीम को दी।
सूचना मिलते ही रेस्क्यूअर जितेंद्र सारथी ने मामले की जानकारी डीएफओ प्रेमलता यादव को दी। उनके निर्देश और एसडीओ आशीष खेलवार एवं एसडीओ सूर्यकांत सोनी के मार्गदर्शन में जितेंद्र अपनी टीम के सदस्यों—एम सूरज, सिद्धांत जैन और बबलू मारवा—के साथ मौके पर पहुंचे।
गांव पहुंचने के बाद ग्रामीणों को सुरक्षित दूरी पर किया गया और तय प्रोटोकॉल के तहत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस अभियान में किंग कोबरा ने कई बार फुफकार कर अपना रौद्र रूप दिखाया। हालांकि, टीम ने शांत और संयमित तरीके से काम करते हुए अंततः कोबरा को सुरक्षित थैले में डालने में सफलता प्राप्त की।
सफल रेस्क्यू के बाद गांव में राहत का माहौल रहा। वन विभाग की टीम ने नियमानुसार पंचनामा तैयार कर सांप को उसके प्राकृतिक आवास के घने जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा विषधर सांप है, जिसकी लंबाई 20 फीट या उससे अधिक तक हो सकती है। यह अन्य सांपों को खाकर पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखता है। मादा किंग कोबरा अंडों के लिए पत्तों से घोंसला बनाती है और उनकी सुरक्षा करती है — यह मातृत्व की अनोखी प्रवृत्ति का प्रतीक है।
विशेषज्ञों ने अपील की है कि ऐसे मामलों में सांप को नुकसान पहुंचाने के बजाय वन विभाग को तुरंत सूचना दी जाए, ताकि इंसान और वन्यजीवों के सह-अस्तित्व को सुरक्षित रखा जा सके।