रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार ने बड़ा फैसले लेते हुए पेट्रोल-डीजल (Chhattisgarh Petrol Diesel Price) पर वैट की दरों में कमी की है. सरकार ने डीजल पर 2 फीसदी जबकि पेट्रोल पर 1 फीसदी वैट घटाने का फैसला लिया है. सोमवार को कैबिनेट की बैठक में वैट कम करने का निर्णय हुआ. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ट्वीट के जरिए इसे लेकर जानकारी दी. हालांकि, वैट कम करने से सरकार के खजाने पर एक हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ेगा. नए रेट आज रात 12 बजे से लागू होंगे.
वैट पर छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है. छत्तीसगढ़ में वैट कम करने के बाद पेट्रोल 90 पैसा और डीजल 1.45 पैसा सस्ता होगा. फिलहाल, छत्तीसगढ़ में पेट्रोल 101 रुपए लीटर और डीजल 93 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है. पेट्रोल में 1 प्रतिशत और डीजल में 2 प्रतिशत वैट कम किया गया है. पंजाब और राजस्थान के मुकाबले कांग्रेस शासित राज्य छ्त्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल में कम राहत मिली है.
कैबिनेट मीटिंग में लिया गया अहम फैसला
कैबिनेट बैठक में हुए निर्णणों की जानकारी देते हुए मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया किपेट्रोल में एक प्रतिशत वहीं डीजल में दो प्रतिशत की वैट की कमी की गई है. इसके अलावा, राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के लिए कनिष्क बोर्ड की तिथि बढ़ाई गई है. झीरम पर नए जांच आयोग को मंजूरी दी गई है. एक करोड़ पांच लाख मीट्रिक टन धान खरीदी को भी कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई है. राइस मिलर्स की पेनाल्टी माफ किए गए है. सहकारी समिति की मांग पर बड़ा फैसला लिया गया है. समितियों के घाटे के लिए 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
छत्तीसगढ़ में पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे स्कूल
कैबिनेट की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के तहत राज्य के शासकीय और निजी विद्यालयों की कक्षाएं को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने हुए पूरी क्षमता का साथ खोलने का फैसला लिया गया है. समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का के उपार्जन तथा कस्टम मिलिंग के लिए मंत्रि-मंडलीय उप समिति द्वारा प्रस्तुत संशोधनों और नवीन अनुशंसाओं के साथ विगत खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 की धान एवं मक्का उपार्जन तथा कस्टम मिलिंग नीति को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में लागू करने का निर्णय लिया गया है.
शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने शिक्षक संवर्ग में पदोन्नति के प्रावधान को शिथिल किया है. इसके तहत प्रधान पाठक प्राथमिक शाला, शिक्षक और व्याख्याता के पदों पर पदोन्नति के लिए विभागीय भर्ती नियमों में प्रावधानित 5 वर्ष के अनुभव को एक बार के लिए शिथिल करते हुए 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर पदोन्नति देने का निर्णय लिया गया है.