राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में लापरवाही और अव्यवस्था का एक और मामला सामने आने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने महिला वार्ड की उस वायरल तस्वीर पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें एक ही बेड पर दो प्रसूताएं अपने नवजात शिशुओं के साथ पड़ी दिखाई दे रही हैं। न्यायालय ने इस घटना को “बेहद दुखद और चिंताजनक” बताया है।

हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि मेकाहारा अस्पताल की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और मरीजों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। अदालत ने इस मामले पर गंभीर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से 6 नवंबर तक विस्तृत जवाब मांगा है।

गौरतलब है कि अदालत पहले भी मेकाहारा में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जता चुकी है। हाल ही में अस्पताल में एक नवजात शिशु के पास “मेरी मां एचआईवी पॉजिटिव है” लिखा बोर्ड लगाए जाने की घटना को कोर्ट ने अमानवीय बताते हुए कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन की स्थिति में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा।

अब एक ही बेड पर दो प्रसूताओं और उनके नवजातों को रखने की घटना ने अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।