प्रतिबंधित संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) ने पहली बार अपनी रणनीतिक गलतियों और लगातार असफलताओं को स्वीकार करते हुए सशस्त्र संघर्ष को अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की है। संगठन ने साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के साथ शांति वार्ता करने की इच्छा भी जाहिर की है।
यह बयान अगस्त में जारी एक कथित दस्तावेज के जरिए सामने आया है, जिसे माओवादी पोलित ब्यूरो के एक सदस्य ने जारी किया बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इस बयान की प्रामाणिकता की जांच कर रही है।
संगठन ने स्वीकार की कमजोरियां
मंगलवार को सीपीआई (माओवादी) के प्रवक्ता अभय का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कहा गया कि संगठन ने सशस्त्र संघर्ष को अस्थायी रूप से रोकने और सरकार के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया है। बुधवार को जारी 6 पन्नों के बयान में वरिष्ठ नेता सोनू ने माना कि संगठन बदलते हालात के अनुरूप ढलने में नाकाम रहा और अपने कई गढ़ों में गंभीर नुकसान झेला।
बयान में कहा गया कि गलत नीतियों और दिशा बदलने में असफलता ने क्रांतिकारी आंदोलन को कमजोर किया। इसमें जनता से अनावश्यक बलिदानों और कठिनाइयों के लिए माफी भी मांगी गई।
पुनर्गठन के लिए ठहराव जरूरी
माओवादियों ने कहा कि यह कदम आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि पुनर्गठन के लिए लिया गया आवश्यक ठहराव है। उन्होंने साफ किया कि जनशक्ति को मजबूत किए बिना और लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट किए बिना आंदोलन को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
संगठन ने सरकार से युद्धविराम और जंगलों में चल रही तलाशी कार्रवाइयों को रोकने की अपील की। साथ ही बुद्धिजीवियों, लेखकों, अधिकार कार्यकर्ताओं और कलाकारों से भी बदले हालात को समझने और समर्थन देने का आग्रह किया।
पुलिस जांच में जुटी
पार्टी ने राज्य और क्षेत्रीय समितियों के अलावा जेल में बंद कैडरों से भी सुझाव देने को कहा है। इस दौरान संपर्क के लिए ईमेल और सोशल मीडिया हैंडल साझा किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने बयान को गंभीरता से लेते हुए इसकी सत्यता की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि वार्ता पर अंतिम निर्णय सरकार को लेना है।
कभी 16 राज्यों के 150 जिलों में फैला माओवादी आंदोलन पिछले एक दशक में लगातार अभियानों, विकास कार्यों और नेताओं के आत्मसमर्पण व मौतों के कारण काफी कमजोर हो चुका है। हाल ही में केंद्रीय समिति के कई सदस्य निष्क्रिय कर दिए गए, जिससे संगठन और अधिक कमजोर हुआ है।
 
                 
                 
                 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                     
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        