नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की सिगरेटों को बिना नियामक चित्रात्मक चेतावनी लेबल के बेचना देश में अवैध है। इसी के तहत क्राइम ब्रांच ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 66,400 सिगरेट बरामद की हैं। बरामद सिगरेटों में डनहिल और डेविड ऑफ गोल्ड शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत पुलिस के अनुसार लगभग 12 लाख रुपये बताई गई है।
डीसीपी हर्ष इंदौरा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित प्रवीण सहगल (पानीपत) और मुकेश खटरेजा (मुखर्जी नगर) हैं। प्रवीण सहगल ने सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और कुछ साल पहले से कंबोडिया से प्रतिबंधित सिगरेट की तस्करी कर रहा था। वहीं, मुकेश खटरेजा बारहवीं पास है और उसने भी कंबोडिया से सिगरेट की तस्करी शुरू की थी।
अपराधियों के कब्जे से 332 डंडे बरामद हुए, जिनमें प्रत्येक डंडे में 10 पैकेट सिगरेट थे। कुल मिलाकर इसमें 66,400 प्रतिबंधित सिगरेट शामिल थीं।
25 अक्टूबर को एसीपी भगवती प्रसाद और इंस्पेक्टर गुलशन यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम ने प्रवीण और मुकेश को भारी मात्रा में तस्करी की गई सिगरेट के साथ गिरफ्तार किया। एसआई चेतन और हवलदार प्रशांत को सूचना मिली थी कि बिना आवश्यक चित्रात्मक चेतावनी वाली सिगरेटों का अवैध व्यापार चल रहा है।
सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पता लगाया कि प्रहलादपुर, पालम फ्लाईओवर के पास यह सिगरेट खुदरा बाजारों में वितरित की जा रही थी। टीम ने वहां से आरोपितों को पकड़ लिया। जांच में यह भी सामने आया कि सिगरेट के पैकेटों में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनिवार्य स्वास्थ्य चेतावनी अंकित नहीं थी।