प्रशासन के हरकत में आते ही कोचिंग संस्थान और निजी लाइब्रेरी चलाने वालों में हड़कंप मच गया है। राजेंद्र नगर में तीन छात्रों की मौत के बाद उग्र हुए छात्रों का भी डर सता रहा है। ऐसे में ज्यादातर लाइब्रेरी और कोचिंग संस्थानों ने छात्रों को अस्थायी तौर पर संस्थान बंद रखने और ऑनलाइन पढ़ाई करने का मैसेज मोबाइल पर भेज दिया है। हालांकि इसमें छात्रों की परेशानी यह भी है कि जिसने हाई ब्रिड कोर्स नहीं लिया है उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा भी नहीं मिलेगी।

राजेंद्र नगर हादसे के पहले शासन-प्रशासन से सांठ-गांठ कर नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले कोचिंग संस्थान और निजी लाइब्रेरी चलाने वाले को नियम-कायदा अब समझ में आने लगा है। प्रशासन के सख्त होने पर ज्यादातर कोचिंग संस्थान और 24 घंटा लाइब्रेरी चलाने वाले खुद से अपना-अपना शटर डाउन कर लिए हैं। वह अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं। फिलवक्त में कोचिंग हब वाले जगहों पर कोविड काल वाला माहौल बना हुआ है। हालांकि इस बार छात्रों में बेहद नाराजगी दिखाई पड़ रही है। 

मुखर्जी नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रही प्रिया पांडेय ने बताया कि पढ़ाई के लिए फीस में कोचिंग संस्थान एक रुपया भी छूट देने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इसी तरह लाइब्रेरी वाले अगर एक घंटा से ज्यादा समय बिताने पर अतिरिक्त पैसों की मांग करने लगते हैं। बावजूद सुविधा के नाम पर कुछ नहीं देते हैं।

पानी का बोतल भी बाहर से खरीदना पड़ता है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने पहुंचे वंश के माता-पिता इसलिए डरे हुए हैं कि इतनी अव्यवस्था में पढ़ाई कैसे होगी। उनकी चिंता अब यह है कि कॉलेज में हॉस्टल मिलेगा नहीं तो फिर असुरक्षित छोटे कमरे में पढ़ाई कैसे होगी।छात्र मिथलेश का कहना है कि नेहरू विहार, आउट्रम लेन, हडसन लेन, विजय नगर, मुखर्जी नगर, मॉडल टाऊन में जितनी भी निजी लाइब्रेरी है वह सुरक्षित नहीं हैं।

सफाई की बेहतर व्यवस्था भी नहीं है। सिर्फ एसी की वजह से छात्र वहां पढ़ने के लिए मजबूर हैं। एक अन्य छात्र ने बताया कि दृष्टि कोचिंग संस्थान बेसमेंट में मेटरशिप प्रोग्राम चलाता है। यहीं पर निजी लाइब्रेरी भी है, जहां छात्र पढ़ाई करते थे। अब उसे सील कर दिया गया है। इसे एमसीडी को पहले ही सील कर देना चाहिए था।