नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने ग्रेट एयर क्वालिटी इमरजेंसी प्लान (ग्रेप) के चरण-तीन के तहत लागू सभी प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है। वहीं, चरण-एक और चरण-दो के उपायों को और कड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) फिर से ‘गंभीर’ स्तर तक न पहुंचे।

ग्रेप-2 के तहत जारी निर्देश

  • आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर का इस्तेमाल प्रतिबंधित।

  • इमरजेंसी सेवाओं को छूट दी गई।

  • सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए पार्किंग शुल्क में वृद्धि और सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों तथा मेट्रो के फेरे बढ़ाने के आदेश।

  • लोगों से निजी वाहन कम करने और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील।

  • जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्यों पर रोक।

  • खुले में लकड़ी या कूड़ा जलाने पर रोक।

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर
बुधवार सुबह राजधानी में अधिकांश इलाकों में एक्यूआई ‘बहुत खराब’ से लेकर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। शहर के कई हिस्सों में घना स्मॉग देखा गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में 363, अशोक विहार 361, अलीपुर 345, बवाना 382, बुराड़ी 346, चांदनी चौक 345, द्वारका 359, रोहिणी 380 और विवेक विहार 365 एक्यूआई दर्ज किया गया। आईजीआई एयरपोर्ट टी3 क्षेत्र में 298, आईटीओ में 358, नजफगढ़ में 316 और वजीरपुर में 377 का स्तर रहा।

एक्यूआई रीडिंग के मानक

  • अच्छा: 0-50

  • संतोषजनक: 51-100

  • मध्यम प्रदूषित: 101-200

  • खराब: 201-300

  • बहुत खराब: 301-400

  • गंभीर: 401-500

सीएक्यूएम ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करें और सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग करें।