बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे की बातचीत अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) ने कई पुराने चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी पूरी कर ली है। हालांकि, औपचारिक घोषणा का इंतजार है, जो संभवतः आज शाम तक की जा सकती है।
इसी बीच भाजपा की कोर कमेटी की अहम बैठक दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के आवास पर चल रही है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, बैठक में सीट बंटवारे और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
छोटे सहयोगियों की बढ़ी मांगें
सूत्र बताते हैं कि एनडीए में सीट बंटवारे पर करीब 95 प्रतिशत सहमति बन चुकी है। भाजपा और जदयू, दोनों ही 100 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। वहीं, सहयोगी दलों में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को लेकर अब भी मतभेद जारी हैं।
जानकारी के अनुसार, भाजपा और जदयू ने एलजेपी (रामविलास) को 28, हम को 8 और आरएलएम को 5 सीटें देने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन, चिराग पासवान 35 से कम सीटों पर समझौते को तैयार नहीं हैं। वहीं, जीतन राम मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी पहले से चार विधायकों के साथ राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा रखती है, इसलिए 15 सीटों से कम स्वीकार नहीं होंगी। उधर, उपेंद्र कुशवाहा ने 24 सीटों की मांग रखी है।
“गठबंधन में कोई मतभेद नहीं” — जदयू
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि एनडीए के सभी घटक दल एकजुट हैं और किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी।
“प्रधानमंत्री के रहते सम्मान की चिंता नहीं” — चिराग पासवान
एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बातचीत को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा, “सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है और जल्द ही घोषणा होगी। हम हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं ताकि आगे किसी तरह का भ्रम या असहमति न रहे। जहां मेरे प्रधानमंत्री हैं, वहां मुझे अपने सम्मान की चिंता नहीं है।”