दिल्ली। लाल किला परिसर के पास हुए हालिया धमाके के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने पुलिस को संवेदनशील रसायनों विशेष रूप से अमोनियम नाइट्रेट की तय सीमा से अधिक बिक्री का विस्तृत रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। यह निर्देश सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रखने और भविष्य में किसी बड़ी साजिश को रोकने के उद्देश्य से जारी किया गया है।

अल फलाह यूनिवर्सिटी का 'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' होता जा रहा था मजबूत

फरीदाबाद के धौज स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल, यदि कुछ और समय तक पकड़ा न जाता, तो इसका नेटवर्क कई गुना बढ़ सकता था। जांच में सामने आया है कि डॉ. मुजम्मिल, डॉ. उमर और डॉ. शाहीन इसकी गतिविधियों को तेजी से विस्तार दे रहे थे। इलाके का मौलवी इश्तियाक मोहम्मद भी इस मॉड्यूल को सक्रिय समर्थन दे रहा था और करीब एक दर्जन से अधिक स्थानीय लोगों को इन डॉक्टरों से मिलवा चुका था।

डॉ. मुजम्मिल- मॉड्यूल की रीढ़

जांच एजेंसियों के मुताबिक मॉड्यूल के संचालन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका डॉ. मुजम्मिल की ही थी। वही पाकिस्तानी हैंडलर के लगातार संपर्क में रहता था और हवाला चैनलों के माध्यम से आने वाली रकम को संभालता था। विस्फोटक और हथियारों की खरीद, उनकी ढुलाई और उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर छिपाने की जिम्मेदारी भी उसी के पास थी।
धौज और फतेहपुर तगा में मिले 2900 किलो से ज्यादा विस्फोटक को इन्हीं स्थानों पर छुपाया गया था, और दोनों जगहों के किराये के सौदे भी मुजम्मिल ने ही किए थे।

मोबाइल सिम खरीदने के लिए स्थानीय दुकानदारों को बनाया निशाना

सूत्रों के अनुसार, धौज निवासी सब्बीर जो गांव में मोबाइल की दुकान चलाता है को एनआईए ने हिरासत में लिया है। लगभग आठ महीने पहले मुजम्मिल मोबाइल रिपेयर के बहाने उसकी दुकान पर पहुंचा, और फिर कई बार यहां आकर कई सिम कार्ड खरीदे।
इसी तरह, गांव के ही इकबाल मद्रासी से भी उसने बिना किसी वैध पहचान पत्र के कमरा किराए पर लिया था। मद्रासी से उसकी पहली मुलाकात अस्पताल में इलाज कराने के दौरान हुई थी।

महिला नेटवर्क बनाने की कोशिश नाकाम

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि डॉ. शाहीन यूनिवर्सिटी की कुछ लड़कियों को मॉड्यूल में शामिल करना चाहती थी। उसकी डायरी में उन नामों की सूची भी मिली है।
पैसों के वितरण और संपर्क बढ़ाने के फैसले वह और उमर मिलकर लेते थे।
हालाँकि, टीम महिलाओं तक अपनी पहुंच मजबूत नहीं कर पाई और न ही किसी महिला डॉक्टर, स्टाफ या छात्रा को इस मॉड्यूल से जुड़ने के लिए तैयार कर सकी।