राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री आतिशी पर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि उनसे पढ़ाने के अलावा दूसरे कार्य भी करवाएं जाते हैं, जिसका सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ता है। कहा कि स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की संख्या कम है। इसके बावजूद शिक्षकों के खाली पदों को भरा नहीं जा रहा है। इससे मौजूदा समय में यहां कार्यरत शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। इसे लेकर उन्होंने आतिशी से ध्यान देने की गुहार लगाई।
राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ (जीएसटीए) की ओर से कांस्टीट्यूशन क्लब में सोमवार आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान संघ के महासचिव अजय वीर यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का स्कूलों के निर्माण पर अधिक जोर है, ऐसे में खेलने के मैदान खत्म हो गए हैं। इससे छात्र शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों के अंदर शिक्षक सुरक्षित नहीं है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से इस दिशा में कार्य करने की अपील की।
उनका यह भी आरोप है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 18 लाख छात्रों का भविष्य खतरे में हैं। कहा कि दिल्ली सरकार ने जिन स्कूलों का नाम बदला है, वहां की स्थिति अभी तक नहीं बदली है। स्कूलों में विशेष विषयों के शिक्षक नहीं है। ऐसे में छात्र उन विषयों की पढ़ाई से कोसों दूर रह गए हैं।