नई दिल्ली। दिल्ली में घूम रहे लगभग 10 लाख बेसहारा कुत्तों को अगले दो साल में माइक्रोचिप लगाई जाएगी। इसका उद्देश्य इन जानवरों की सटीक गिनती, उनके स्थान का पता और स्वास्थ्य पर निगरानी रखना है। इसके साथ ही रेबीज जैसी खतरनाक बीमारियों पर भी नियंत्रण आसान होगा।
दिल्ली एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने बुधवार को आयोजित बैठक में इस योजना का पूरा एक्शन प्लान तैयार किया। बैठक में पशुपालन विभाग, एनडीएमसी और एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि यूएनडीपी के सहयोग से यह माइक्रोचिपिंग अभियान चलाया जाएगा, जिससे कुत्तों की पहचान, टीकाकरण और लोकेशन ट्रैकिंग आसान होगी।
रेबीज नियंत्रण के लिए स्टेट एक्शन प्लान
मंत्री ने कहा कि विश्व रेबीज दिवस (28 सितंबर) के अवसर पर दिल्ली सरकार शीघ्र ही रेबीज नियंत्रण के लिए स्टेट एक्शन प्लान पेश करेगी। इसमें डिजिटल निगरानी के माध्यम से कुत्तों का टीकाकरण और काटने की घटनाओं पर नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा।
पेट शॉप्स और पशु कल्याण पर सख्ती
दिल्ली में अब पेट शॉप्स का पंजीकरण अनिवार्य होगा। इनके निरीक्षण के लिए विशेष समिति का गठन किया जाएगा। प्रत्येक जिले में पशु कल्याण समितियां बनाई जाएंगी। साथ ही स्कूलों में बच्चों को पशु कल्याण के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षा विभाग के साथ मिलकर अभियान चलाया जाएगा।
तेजी से काम करेंगे पशु कल्याण के लिए
मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने लंबे समय तक इस बोर्ड को सक्रिय नहीं रखा। अब बोर्ड सक्रिय रूप से काम करेगा और इसके लिए संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। नई भर्ती, उप-समितियों का गठन और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण में भागीदारी को मंजूरी दी गई है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पेट शॉप्स, माइक्रोचिपिंग और रेबीज नियंत्रण पर विस्तृत गाइडलाइन जल्दी तैयार की जाए। दिल्ली को पशु कल्याण के मामले में देश में नंबर वन बनाने की कोशिश की जा रही है।