दिल्ली की बढ़ती वायु प्रदूषण समस्या पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को प्रतिक्रिया दी और इसे राजधानी की सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली कई वर्षों से चली आ रही समस्याओं की विरासत है, जिनमें कचरे का ढेर, टूटी सड़कें और बिगड़ी वायु गुणवत्ता शामिल हैं, जिन्हें पिछली सरकारें हल नहीं कर सकीं।

पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए रेखा गुप्ता ने कहा, “पिछली सरकारों ने प्रदूषण के लिए केवल ऑड-ईवन जैसी अस्थायी योजनाएं अपनाई, जिससे जनता को परेशानी हुई लेकिन समस्या ज्यों की त्यों रही। लोग काम पर जाते समय परेशान होते थे, पर प्रदूषण पर कोई असर नहीं पड़ा।” उन्होंने कहा कि पिछले साल भारी बारिश में मिंटो ब्रिज और आईटीओ सहित कई स्थानों पर जलभराव की समस्या रहती थी, लेकिन इस बार सरकार की तैयारी ने इसे रोकने में मदद की।

फरवरी में सत्ता संभालते ही सरकार ने गर्मी, पानी की कमी और बाढ़ जैसी समस्याओं के समाधान पर काम शुरू कर दिया। उन्होंने क्लाउड सीडिंग प्रयास का भी जिक्र किया और बताया कि यह वैज्ञानिक सलाह के आधार पर किया गया था।

सीएम ने कहा कि कुछ मीडिया चैनल आलोचना पर ज्यादा ध्यान देते हैं, जबकि सकारात्मक समाधान को नजरअंदाज किया जाता है। “सरकार मां की तरह होती है, हर नागरिक की भलाई की जिम्मेदारी उठाती है,” उन्होंने कहा और दिल्ली को साफ-सुथरा, सुरक्षित और बेहतर बनाने के प्रयासों पर जोर दिया।

रेखा गुप्ता ने बताया कि पहले बिजली कनेक्शन न मिलने के कारण एक लाख से अधिक बुक्ड प्रॉपर्टीज़ में लोग चोरी या जुगाड़ से कनेक्शन लेते थे। अब उनकी सरकार ने इन्हें बिजली देने का निर्णय लिया, जिससे विरोध और आलोचना हुई।

प्रदूषण के प्रमुख कारणों में कचरा और लकड़ी जलाना, झुग्गियों में कच्चे चूल्हे पर खाना बनाना शामिल है। उन्होंने कहा कि समस्या को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर चरणबद्ध तरीके से हल किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि 2026 तक दिल्ली की 100% बसें इलेक्ट्रिक होंगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।