दिल्ली। भारतीय नौसेना के सेमिनार ‘स्वावलंबन 2025’ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की बढ़ती आत्मनिर्भरता और बदलते रक्षा ढांचे पर अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल हथियार खरीदने वाला देश नहीं रह गया है, बल्कि यह तकनीक बनाने, विकसित करने और विदेशों में निर्यात करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
रक्षा मंत्री ने बताया कि देश में चल रहा स्वदेशीकरण आंदोलन सिर्फ नीतियों का परिणाम नहीं है, बल्कि वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स और युवाओं की मेहनत का प्रमाण है। सिंह ने कहा कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आयातक नहीं, बल्कि निर्माता और अगुआ बनते हुए दुनिया को नई दिशा दिखा रहा है। नवाचार और प्रोटोटाइप्स ने यह साबित कर दिया है कि देश तकनीक का उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्यातक बनने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ चुका है।
विदेशी निर्भरता कम करने की जरूरत
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को विदेशी रक्षा उपकरणों पर निर्भरता घटानी होगी। उन्होंने बताया कि किसी बड़े उपकरण की विदेश से खरीद केवल तत्काल लागत का मामला नहीं है, बल्कि इसके रखरखाव, मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दीर्घकालिक लागत भी देश को वहन करनी पड़ती है। इसलिए उन्होंने मजबूत और आत्मनिर्भर आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण पर जोर दिया। उनका कहना था कि देश की सुरक्षा तभी मजबूत होगी, जब इसका तकनीकी ढांचा पूरी तरह भारत में विकसित और संचालित हो।
भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति और नवाचार
स्वावलंबन 2025 में सिंह ने कहा कि भारत आज समुद्री शक्ति के रूप में तेजी से उभर रहा है और इसमें नौसेना के साथ देश के इनोवेटर्स का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने बताया कि बहु-उपयोगी तकनीक का महत्व बढ़ रहा है और युवा शोधकर्ता और स्टार्टअप्स इस दिशा में नए मानक स्थापित कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि जब भी वे इन युवा शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स से मिलते हैं, तो उनके अंदर समस्याओं को हल करने का आत्मविश्वास और साहस साफ दिखता है।
रक्षा नवाचार का नया अध्याय
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत रक्षा नवाचार के स्वर्णिम युग में प्रवेश कर रहा है। तकनीक, रणनीति और आर्थिक क्षमता के मेल से तैयार होने वाला नया रक्षा ढांचा भारतीय प्रतिभा की बदौलत संभव हो रहा है। स्टार्टअप्स और एमएसएमई की भूमिका इस परिवर्तन में निर्णायक है, क्योंकि ये नवाचार के साथ साहस और प्रयोगात्मक सोच भी लेकर आ रहे हैं।
स्वदेशी रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की सफलता
राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता का सपना केवल सरकार की पहल नहीं, बल्कि देश के वैज्ञानिकों, युवा प्रतिभाओं और इनोवेटर्स की मेहनत से साकार हुआ है। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले वर्षों में भारत एक मजबूत, आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से अग्रणी रक्षा शक्ति के रूप में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा।