दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सरकार ने आज सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पेश कर दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली सरकार के गलत फैसलों की वजह से सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. रिपोर्ट कहती है कि आबकारी से जुड़े मामले में दिल्ली की सरकार को 2002.68 करोड़ का घाटा हुआ है. रिपोर्ट के विधानसभा में पेश होने के बाद पूर्व सीएम आतिशी का बड़ा दावा सामने आया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली को 2 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है वो भी 3 लोगों की वजह से हुआ है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली को जो 2000 करोड़ का नुकसान 3 लोगों से हुआ है उसमें उपराज्यपाल, सीबीआई और ईडी शामिल हैं. हमारी मांग है कि सीएजी रिपोर्ट के आधार पर इन तीनों की जांच हो कि क्यों इस पॉलिसी को रोककर सरकार को 2000 करोड़ का नुकसान करवाया गया. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बता रही है कि आम आदमी पार्टी सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी में पारदर्शिता थी, ब्लैक मार्केटिंग रोकने और खजाना बढ़ाने के तरीके थे. यही पॉलिसी पंजाब में लागू हुई तो पंजाब का एक्साइज रेवेन्यू एक साल में ही बढ़ गया है. 2021-2022 में 6158 करोड़, न्यू एक्साइज पॉलिसी के बाद 8841 करोड़ और 2025 में जो बढ़कर 10146 करोड़ हो जाएगा.
क्या कहा आतिशी ने?
आतिशी ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट ये भी बताती है कि अगर ये पॉलिसी दिल्ली में ठीक तरीके से लागू होती तो दिल्ली की एक्साइज रेवेन्यू 4108 करोड़ से बढ़कर 8911 करोड़ तक पहुंच जाता. मात्र एक साल में ऐसा होता. हमने एक अच्छी पॉलिसी लाई थी लेकिन उसका ठीक से इम्प्लीमेंटेशन नहीं हुआ तो 8900 करोड़ तक सरकार का खजाना नहीं पहुंच पाया और 2000 करोड़ कम रह गया, लेकिन ये दो हजार करोड़ कम रहने के पीछे किसका हाथ हैं? इस पॉलिसी को लागू होने से किसने रोका था?
पूर्व सीएम बोलीं- पॉलिसी को किसने लागू होने से रोका?
उन्होंने कहा कि इस सीएजी रिपोर्ट के आधार पर जांच होना बहुत जरूरी है कि आखिर पॉलिसी को ठीक से लागू होने से किसने रोका था कि 2000 करोड़ का नुकसान हो गया. मैं उम्मीद करती हूं कि उसकी जांच होगी. क्योंकि इसे लागू करने के पीछे तीन लोग जिम्मेदार हैं. इसमें पहले नंबर पर उपराज्यपाल हैं जिन्होंने न्यू एक्साइज पॉलिसी इम्प्लिमेंट नहीं होने दी. दूसरे नंबर पर सीबीआई है. जिसने पॉलिसी के एक साल पूरे होने से पहले केस दर्ज किया और तीसरे नंबर पर प्रवर्तन निदेशालय है.