आईएएस पूजा खेडकर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि उनके खिलाफ यूपीएससी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी। उनका चयन रद्द करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से भी रोक दिया गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार जंगाला ने कहा कि दिल्ली पुलिस को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि क्या यूपीएससी के अंदर से किसी ने खेडकर की मदद की थी। न्यायाधीश ने मामले में जांच का दायरा बढ़ाते हुए दिल्ली पुलिस को यह जांच करने का निर्देश भी दिया कि क्या अन्य किसी ने भी बिना पात्रता के ओबीसी और दिव्यांग कोटे के तहत लाभ उठाया है।
यूपीएससी द्वारा दिए गए एक सार्वजनिक बयान के अनुसार खेडकर के दुराचार की विस्तृत और गहन जांच से पता चला कि उन्होंने अपना नाम बदलकर अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करके परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा से परे धोखाधड़ी से प्रयास किए। बयान में यह भी कहा गया है कि खेडकर ने अपने पिता और माता के नाम के साथ-साथ अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल पता, मोबाइल नंबर और पता भी बदल दिया।
इससे पहले बुधवार को जज ने पूजा खेडकर द्वारा दायर अर्जी पर उनके वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। खेडकर ने अपने वकील के माध्यम से दायर अर्जी में दावा किया कि उन्हें गिरफ्तारी का खतरा है। वहीं अभियोजन पक्ष ने अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने व्यवस्था को धोखा दिया है। कोर्ट की कार्यवाही के दौरान, खेडकर ने कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अग्रिम जमानत चाहती हैं।