दिल्ली। 10 नवंबर को राजधानी में हुए विस्फोट के बाद पाकिस्तान जाने वाली मोबाइल कॉलों में अचानक और तेज गिरावट दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक, विस्फोट से पहले रोजाना लगभग 200 कॉल पाकिस्तान की ओर की जाती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर केवल 40-50 रह गई है। इस बदलाव ने जांच एजेंसियों के लिए चेतावनी का संकेत दिया है।
पुलिस, एलआईयू, एनआईए, एटीएस और आइबी सहित अन्य जांच एजेंसियां इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही हैं। शहर में करीब 50 ऐसे लोग हैं, जो पाकिस्तान से आए हैं या जिनके रिश्तेदार पड़ोसी देश में रहते हैं। इन लोगों के बीच सामान्य दिनों में दैनिक बातचीत होती थी, लेकिन विस्फोट के बाद स्थिति बदल गई है।
जांच एजेंसियों ने चमनगंज, बेकनगंज और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में दबिश दी और संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखी। इसी कारण पाकिस्तान जाने वाली कॉलों में गिरावट देखी गई। सूत्रों के अनुसार, आम जनता में डर और किसी विवाद में फंसने से बचने की भावना के कारण भी कॉल की संख्या कम हुई हो सकती है।
जांच एजेंसियों ने कॉल डिटेल निकाल ली है और उनका आकलन किया जा रहा है। कुछ कॉलें संवेदनशील पाई गई हैं, जिन पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। ये कॉलें देर रात या बहुत तड़के की गई थीं। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि कॉल पाकिस्तान के किस हिस्से में की गई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि विस्फोट के बाद व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया एप के माध्यम से भी कॉल की जा रही होंगी। कमिश्नरी पुलिस के अधिकारी इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान देने से बच रहे हैं, लेकिन गुप्त तरीके से संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी जुटाई जा रही है।