इथियोपिया में हाल ही में फटे हेली गुब्बी ज्वालामुखी से उठे राख के विशाल बादलों का असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर दिखाई देने लगा है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मंगलवार को सात विदेशी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि दस से अधिक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स तय समय से काफी देर बाद संचालित हुईं। एयर इंडिया ने भी सोमवार से अब तक कुल 13 उड़ानें रद्द होने की पुष्टि की है।
सूत्रों के अनुसार, ज्वालामुखी से निकले राख के गुबार पश्चिम दिशा की ओर फैलते हुए भारत के नज़दीक पहुंच रहे हैं, जिससे हवाई संचालन में बाधाएं बढ़ रही हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एहतियातन दिल्ली एयरपोर्ट पर आने-जाने वाली कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रोकना पड़ा और दर्जनभर सेवाएं देरी से चल रही हैं।
देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में शामिल दिल्ली एयरपोर्ट से हर दिन 1,500 से अधिक उड़ानें संचालित होती हैं। हालांकि, मंगलवार शाम तक अन्य भारतीय एयरलाइंस की ओर से स्थिति पर विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई थी।
ज्वालामुखीय राख का खतरा
एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि ज्वालामुखी की राख विमान इंजनों के लिए अत्यंत जोखिमपूर्ण होती है। राख के महीन कण इंजन को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं, जिससे उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी या गंभीर दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। हवा की गुणवत्ता पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है, जो यात्रियों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऐसे में उड़ानों को रद्द या स्थगित करना सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य कदम माना जाता है।
यात्रियों के लिए जरूरी सलाह
एयरपोर्ट प्रबंधन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा से पहले अपनी उड़ानों की स्थिति एयरलाइन की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन से अवश्य सत्यापित करें। अचानक उत्पन्न इस प्राकृतिक स्थिति के कारण यात्रियों को हो रही असुविधा पर खेद जताते हुए अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत ये निर्णय आवश्यक हैं।