नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पराली जलाने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने कहा है कि अब केवल किसानों पर ही नहीं, बल्कि रोकथाम में असफल अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के जिलाधिकारियों व उपायुक्तों को अधिकार दिया है कि वे जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कर सकें। आदेश में नोडल अधिकारी, पर्यवेक्षक और थाना प्रभारी (एसएचओ) भी इसके दायरे में आएंगे।
इसरो की सैटेलाइट तकनीक से निगरानी होगी और हर आगजनी की घटना रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा। आयोग ने साफ किया है कि धान की पराली जलाना पूरी तरह गैरकानूनी है और इसे वायु गुणवत्ता अधिनियम की धारा-14 के तहत अपराध माना जाएगा।
हर साल पंजाब और हरियाणा में धान की कटाई के बाद पराली जलाने की घटनाएं दिल्ली-एनसीआर की हवा को जहरीला बना देती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सांस और फेफड़ों की बीमारियां बढ़ जाती हैं।
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट भी गंभीर है। अगले हफ्ते सुनवाई तय है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा था कि पराली जलाने वालों पर गिरफ्तारी सहित दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।