हरियाणा में एडीजीपी पूरण सिंह की आत्महत्या मामले में जांच की दिशा बदलती नजर आ रही है। पुलिस को कॉल डिटेल्स से नए सुराग मिले हैं। जांच सूत्रों के अनुसार, आत्महत्या से पहले एडीजीपी ने कई अधिकारियों, अपने वकील और कुछ परिचितों से संपर्क किया था। SIT इन कॉल रिकॉर्ड्स की बारीकी से पड़ताल कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इन बातचीतों में कोई ऐसा दबाव या तनाव था जिसने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया।

जेल में बंद गनमैन से पूछताछ संभव

SIT चीफ पुष्पेंद्र कुमार ने रोहतक जेल में बंद एडीजीपी के गनमैन सुशील के खिलाफ दर्ज FIR का पूरा रिकॉर्ड हरियाणा पुलिस से मंगाया है। सूत्रों के अनुसार अदालत की अनुमति मिलने के बाद SIT सुशील से पूछताछ कर सकती है। गनमैन के बयान इस जांच में निर्णायक साबित हो सकते हैं, खासकर यह स्पष्ट करने में कि अवैध वसूली के आरोपों के बाद उसने एडीजीपी का नाम खुद लिया या किसी षड्यंत्र के तहत ऐसा किया गया।

शव शिफ्ट करने में हुई चूक, डीएसपी को हटाया

इस मामले में मृतक के परिजनों की गैर-मौजूदगी में शव को सेक्टर-16 अस्पताल से PGI शिफ्ट कर दिया गया। परिवार ने इस कदम पर आपत्ति जताई। जांच में पता चला कि डीएसपी उदयपाल ने शव को रिलीज करने के निर्देश दिए थे, लेकिन संदेश के गलतफहमी के कारण शव सीधे PGI पहुंचा दिया गया। घटना के बाद एसएसपी ने मोर्चरी में मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई और डीएसपी उदयपाल को हटा दिया गया।

अब तक की जांच और घटनाक्रम

  • 7 अक्टूबर: एडीजीपी पूरण सिंह ने सेक्टर-11 स्थित कोठी में आत्महत्या की।

  • 8 अक्टूबर: पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार जापान से लौटीं और पोस्टमार्टम से इंकार किया। सुसाइड नोट वायरल हुआ।

  • 9 अक्टूबर: 11 अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई।

  • 10 अक्टूबर: अमनीत ने FIR पर असंतोष जताया, 6 सदस्यीय कमेटी गठित।

  • 11 अक्टूबर: रोहतक के SP का तबादला, FIR में संशोधन, शव PGI शिफ्ट विवाद।

  • 12 अक्टूबर: सरकार और परिवार की बैठक, महापंचायत में DG को हटाने का 48 घंटे का अल्टीमेटम।

सूत्रों के अनुसार SIT अब अंतिम कॉल रिकॉर्ड्स और गवाहों के बयान के आधार पर मामले की तह तक जाने की तैयारी कर रही है।