हरियाणा के फतेहाबाद जिले के भूना कस्बे के गांव ढाणी सांचला व ढाणी भोजराज के ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन को 27 जनवरी तक स्कूल खोलने का अल्टीमेटम दिया है। अगर तब तक कोई फैसला नहीं हुआ तो 28 जनवरी को ग्रामीण स्वयं स्कूल खोलने का कदम उठाएंगे। मंगलवार को राजकीय उच्च विद्यालय में करीब 20 विद्यार्थी पढ़ाई करने पहुंचे।
सुबह दस बजे कक्षा सातवीं, आठवीं, नौंवी तथा दसवीं के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल आए। विद्यार्थियों के साथ गांव ढाणी सांचला व भोजराज के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ कोरोना संक्रमण का भय दिखाकर स्कूल बंद किए जाने पर विरोध प्रदर्शन करते हुए स्कूल के मुख्य गेट पर धरना भी दिया। दोनों गांवों की ग्राम सभा में प्रस्ताव पास करके स्कूल खोलने का फैसला लिया गया।
हालांकि, ग्राम सभा की बैठक में पंचायत विभाग का कोई नुमाइंदा नहीं था। ग्रामीणों ने दोपहर बाद धरना समाप्त करके मुख्याध्यापक हरीश कंबोज को शिक्षा विभाग व हरियाणा सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।
बोले, प्रदेश में सब सामान्य चल रहा, फिर स्कूल क्यों बंद
ग्रामीण बलवान सिंह, इंद्र सिंह, राजबीर सिंह, जगदीश चंद्र, सरजीत सिंह, राधेश्याम, भूप सिंंह, संदीप कुमार, महाबीर सिंह, धोलूराम, ओमप्रकाश, साधु राम, राजकुमार, कमला देवी, सुनहरी देवी, मंजू व सुमन, राजेश कुमार, कृष्ण कुमार, सुरेंद्र सिंह आदि ने कहा कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर का भय दिखाकर शिक्षा का भट्ठा बिठाया जा रहा है। प्रदेश में सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार पढ़े-लिखे युवकों को रोजगार देने में पूरी तरह से विफल रही है।
इसलिए युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने से रोका जा रहा है। सरकार ने पिछले दो वर्षों से कॉलेजों व स्कूलों को बंद करवाकर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। अब किसी भी कीमत पर इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली ने युवाओं की मानसिकता को बदल दिया है। ऑनलाइन शिक्षा के लिए फोन चलाते हैं तो कई वेबसाइट जबरन अश्लील सामग्री परोस रही हैं, जिससे युवा वर्ग को गर्त में धकेला जा रहा है। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि उनके बच्चे स्कूल में किताबी ज्ञान हासिल करेंगे।