हरियाणा में अब लोगों को जमीन से जुड़े दस्तावेज देखने के लिए तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। राजस्व विभाग जल्द ही वाट्सएप चैटबॉट सेवा शुरू करने जा रहा है। इसके माध्यम से नागरिक अपने मोबाइल फोन पर भूमि रिकॉर्ड, म्युटेशन की स्थिति और संपत्ति कर का विवरण आसानी से देख सकेंगे।
वित्तायुक्त राजस्व और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य ई-गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है।
भूमि और संपत्ति से जुड़े लेन-देन को अधिक पारदर्शी और नागरिक अनुकूल बनाने के लिए तैयार किए गए इन सुधारों का औपचारिक उद्घाटन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 29 सितंबर को कुरुक्षेत्र की लाडवा तहसील में करेंगे। मुख्यमंत्री लाडवा के विधायक भी हैं।
सरकार की प्रमुख पहल पेपरलेस पंजीकरण है, जो जमाबंदी, म्युटेशन, कैडस्ट्रल मैप्स और रजिस्ट्री डेटा को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाएगा। इससे संपत्ति पंजीकरण तेज, पारदर्शी और सुरक्षित होगा और नागरिकों को कई कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
लॉन्च के दौरान कुरुक्षेत्र में नई प्रणाली का लाइव डेमो भी दिखाया जाएगा। डॉ. मिश्रा ने बताया कि अन्य प्रमुख पहलों में सीमांकन पोर्टल शामिल है, जिसका उद्देश्य भूमि सीमा निर्धारण में देरी और विवादों को कम करना है। यह प्रक्रिया डिजिटल और मानकीकृत होगी, जिससे तहसीलदारों, कानूनगो और पटवारियों की सक्रिय भागीदारी से समयबद्ध और सटीक सीमांकन सुनिश्चित होगा।
लंबित विवादों को सुलझाने के लिए राज्य सरकार राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली लागू करेगी। इसका उद्देश्य म्युटेशन, बंटवारे और सीमा संबंधी मामलों का तेजी से निपटारा करना है। डिजिटल और कानूनी उपकरणों के संयोजन से लंबित मामलों में कमी, न्याय में तेजी और भ्रष्टाचार पर अंकुश की उम्मीद है। डॉ. मिश्रा ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि लंबित दाखिल-खारिज मामलों को विशेष ग्राम-स्तरीय शिविरों के माध्यम से निपटाया जाए।