रोहतक। लाखनमाजरा स्टेडियम में राष्ट्रीय स्तर के उभरते बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की दर्दनाक मौत के मामले ने हरियाणा के खेल विभाग में हलचल मचा दी है। मंगलवार को अभ्यास के दौरान पोल गिरने से हुई इस घटना के बाद खेल मंत्री गौरव गौतम ने सख्त रुख अपनाते हुए रोहतक के जिला खेल अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही स्टेडियम में संचालित बास्केटबॉल नर्सरी को भी बंद कर दिया गया है।

घटनाक्रम की व्यापक जांच और खेल उपकरणों की सुरक्षा मानकों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है। मंत्री ने 28 नवंबर को पंचकूला स्थित ताऊ देवी लाल स्टेडियम में एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई है, जिसमें सभी वरिष्ठ अफसर व जिला खेल अधिकारी मौजूद रहेंगे।

सालों से रखरखाव रुका, 20 लाख की ग्रांट भी उपयोग नहीं हुई

मंगलवार सुबह 16 वर्षीय हार्दिक अन्य खिलाड़ियों के साथ अभ्यास कर रहा था। कोच मोहित राठी की देखरेख में हार्दिक डंक मारने की प्रैक्टिस कर रहा था, तभी उसकी उंगली जाल में फंस गई और पुराना पोल तेज़ी से गिरकर उसके सीने पर आ लगा। गंभीर रूप से घायल हार्दिक को अस्पताल ले जाया गया, पर रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

स्थानीय लोगों के अनुसार, स्टेडियम में लगे पोल करीब 18 साल पुराने थे और रखरखाव की स्थिति लंबे समय से खराब थी। सांसद निधि से स्टेडियम के सुधार के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे, लेकिन वह धनराशि अभी तक उपयोग में नहीं लाई गई। ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह पैसा समय पर खर्च कर दिया जाता, तो शायद हार्दिक की जान बचाई जा सकती थी।

यह हादसा नहीं, सिस्टम की हत्या- कांग्रेस 

मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसे सरकार की लापरवाही बताते हुए कहा कि हार्दिक की मौत एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता से हुई "हत्या" है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार माता-पिता को उनका बेटा लौटा सकती है?

कांग्रेसी सांसद कुमारी सैलजा ने भी घटना को बेहद दुखद बताते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।

एक हफ्ते में दूसरा बड़ा हादसा

रोहतक की इस घटना से पहले, झज्जर के बहादुरगढ़ में भी 15 वर्षीय खिलाड़ी अमन की मौत जर्जर बास्केटबॉल पोल गिरने से हो चुकी है। लगातार दो हादसों ने राज्य के खेल ढांचे की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।