हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। चंडीगढ़ पुलिस ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित 12 से 13 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई पूरण कुमार द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट के आधार पर की गई है, जिसमें उन्होंने इन अधिकारियों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे थे।

सेक्टर-11 थाना पुलिस ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) बीएनएस और 3(1)(आर) पीओए (एससी/एसटी) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है। सुसाइड नोट में आईपीएस अधिकारी ने कई वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

जांच में यह सामने आया है कि सुसाइड नोट में किसी तात्कालिक घटना या व्यक्तिगत विवाद का उल्लेख नहीं किया गया है। यानी अधिकारी ने आत्महत्या का कदम किसी अचानक हुई परिस्थिति के चलते नहीं उठाया। पुलिस को नोट उनकी जेब से मिला, जबकि घर से उनका लैपटॉप बरामद नहीं हुआ। पुलिस ने मौके की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने के साथ सीएफएसएल और फॉरेंसिक टीम की मदद से साक्ष्य जुटाए हैं। अब सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग, तारीख और उसमें दर्ज आरोपों की विस्तृत जांच की जा रही है।

बताया जा रहा है कि अपने कार्यकाल के दौरान पूरण कुमार ने कई बार सिस्टम, पदोन्नति प्रक्रिया और पोस्टिंग नीति को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने सरकार, मुख्य सचिव और चुनाव आयोग तक अपनी शिकायतें दर्ज कराईं थीं। अब जांच इस दिशा में भी आगे बढ़ाई जा रही है कि सुसाइड नोट में उन्हीं मामलों से जुड़े लोगों के नाम तो शामिल नहीं हैं।