हरियाणा सरकार ने जयवीर सिंह आर्य के खिलाफ एसीबी की मांग खारिज की

हरियाणा सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को IAS अधिकारी जयवीर सिंह आर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति नहीं दी है। जयवीर पर महिला अधिकारी के तबादले के लिए तीन लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप था। इस मामले में ACB ने सरकार से केस दर्ज करने की इजाजत मांगी थी।

हरियाणा के एडवोकेट जनरल की राय के आधार पर सरकार ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17-ए के तहत जयवीर के खिलाफ रेड करने से पहले आवश्यक अनुमति नहीं ली गई थी। इसलिए उनके खिलाफ केस चलाना संभव नहीं है।

यह मामला 2023 का है, जब करनाल में वेयरहाउसिंग की जिला प्रबंधक रिंकू हुड्डा के पति ने ACB को शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया कि रिंकू हुड्डा कुरुक्षेत्र में पोस्टिंग चाहती थीं, जिसके लिए हरियाणा वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के एमडी जयवीर सिंह आर्य ने पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

शिकायत के अनुसार, पंचकूला कार्यालय में तैनात जीएम स्तर के अधिकारी संतोष बंसल ने इस डील को सेट किया। पानीपत के कर्मचारी संदीप घनघस ने रिंकू हुड्डा से रिश्वत की रकम जुटाई। 12 अक्टूबर 2023 को जब पैसे एक दुकानदार के पास रखे गए, तो एंटी करप्शन ब्यूरो ने मनीष शर्मा को पकड़ लिया और उसी दिन जयवीर को भी गिरफ्तार किया। नवंबर 2023 में उन्हें नियमित जमानत मिल गई थी। जयवीर लगभग डेढ़ महीने जेल में रहे।

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