हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत न होने का दावा किया है। इसने यह तो माना कि दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऑक्सीजन का संकट रहा, लेकिन साथ ही कहा कि इसकी वजह से किसी की मौत नहीं हुई। उधर विपक्ष ने मौतों के आंकड़े छिपाने के आरोप सरकार पर लगाये और प्रबंधों पर भी सवाल उठाए। इस बीच ऑक्सीजन लेवल गिरने के चलते स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सदन में नहीं पहुंचे थे।
प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन आज प्रश्नकाल के दौरान कोरोना से हुई मौतों को लेकर गोहाना के विधायक जगबीर सिंह मलिक तथा नूंह के विधायक आफताब अहमद ने सरकार को घेरा। विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा ने भी मोर्चा संभाला। सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ उनकी बहस भी हुई। सीएम ने दो-टूक कहा कि अब तक जिलों से आए आंकड़ों में एक भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मौत दर्ज नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकेले हरियाणा ही नहीं, बल्कि अधिकांश राज्यों में ऑक्सीजन का संकट था। ऐसे में ऑक्सीजन का नियंत्रण केंद्र ने अपने हाथों में ले लिया। हरियाणा को पहले चरण में 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का स्टॉक मिला। इसके बाद, इसे बढ़ाकर 285 तक किया गया। हालांकि, राज्य ने 350 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की डिमांड की थी।
सीएम ने सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमारे पास बेशक ऑक्सीजन की कमी रही, लेकिन हमने उपलब्ध ऑक्सीजन का अच्छे तरीके से बंटवारा किया। झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट और मौतों की बात कही तो सीएम ने कहा कि विपक्ष के हर व्यक्ति को संतुष्ट कर पाना संभव नहीं है। हुड्डा ने मौतों के आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगाया।
डॉक्टरों को डबल वेतन नहीं
कांग्रेस विधायकों ने कोरोना की पहली लहर के दौरान राज्य में डॉक्टरों, पैरा-मेडिकल स्टॉफ व कोरोना ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के वेतन को दोगुना करने के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। जवाब में सीएम ने कहा कि सरकार ने वेतन दोगुना करने का ऐलान किया था। इसके तुरंत बाद डॉक्टरों व पैरा-मेडिकल स्टॉफ की विभिन्न एसोसिएशन्स ने लिखित में कहा कि उन्हें दोगुना वेतन नहीं चाहिए। मेडिकल स्टाफ ने स्वयं कहा कि लॉकडाउन से जब पूरे देश में अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है तो ऐसे में सरकार पर बोझ नहीं डालना चाहिए।
11 डॉक्टरों की मौत
कोरोना की वजह से अब तक 11 डॉक्टरों की भी मौत हो चुकी है। पैरा-मेडिकल स्टाफ के 8, अन्य स्टाफ के 5 तथा 2 आशा वर्कर्स की जान संक्रमण की वजह से गई है। आफताब अहमद ने मरने वालों के परिवारों की आर्थिक मदद का मामला उठाया। इस पर सीएम ने कहा कि सरकार ने बीपीएल परिवारों तथा एक लाख 80 हजार रुपये से कम सालाना आय वाले परिवार के घर में कोविड की वजह से मौत होने पर 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला लिया है। कोरोना की दूसरी ही नहीं, पहली लहर में भी जान गंवाने वाले लोग इसमें कवर होंगे।