चंडीगढ़। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में अब हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करते हुए सात दिन के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि यह मामला संवेदनशील है क्योंकि इसमें अनुसूचित जाति समुदाय से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की जातिगत गरिमा, अधिकार और प्रशासनिक जिम्मेदारी शामिल हैं। आयोग ने मामले की त्वरित जांच करने और सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।
वाई पूरन कुमार ने अपने फाइनल नोट में उल्लेख किया था कि उन्हें जातिगत भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक अपमान और प्रशासनिक उपेक्षा का सामना करना पड़ा। आयोग ने नोटिस में यह भी कहा कि मृतक अधिकारी को यह सब वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत और दिशा-निर्देश के तहत झेलना पड़ा।
मृतक की पत्नी, जो स्वयं आईएएस अधिकारी हैं, ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि उनके पति को आत्महत्या के लिए उकसाया गया। आयोग ने चंडीगढ़ प्रशासन को निर्देश दिए कि एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2)(v) समेत सभी प्रासंगिक धाराओं को जांच में लागू किया जाए और किसी भी तरह की ढील न बरती जाए।
साथ ही आयोग ने कहा कि हर पंद्रह दिन में जांच की स्थिति की रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए। यदि सात दिन के भीतर संतोषजनक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती है, तो आयोग संबंधित अधिकारियों को तलब कर सकता है। आयोग ने चंडीगढ़ प्रशासन से इस मामले में एफआईआर, आरोपित अधिकारियों की स्थिति, विशेष जांच दल (एसआईटी) की स्थापना और जांच में किसी भी देरी के कारणों के बारे में स्पष्ट जानकारी देने को कहा है।