चंडीगढ़। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामले में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा है कि चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
राज्यपाल ने बताया कि घटना के बाद प्रशासन ने जन आक्रोश को शांत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि किसी आईपीएस अधिकारी का आत्महत्या करना अत्यंत गंभीर विषय है। इस मामले में 14-15 अधिकारियों पर आरोप लगे हैं। हरियाणा सरकार ने रोहतक एसपी का तबादला कर दिया है और डीजीपी की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है, लेकिन डीजीपी स्तर के अधिकारी की गिरफ्तारी से पहले सभी तथ्यों की जांच आवश्यक है।
कटारिया ने यह भी कहा कि मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने छह सदस्यीय स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है।
बताया जा रहा है कि एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने 7 अक्तूबर को अपने चंडीगढ़ आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने आठ वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया का नाम शामिल था, पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अन्य गंभीर आरोप लगाए थे।
कुमार की पत्नी, आईएएस अमनीत पी. कुमार ने भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस घटना के बाद दबाव में आकर हरियाणा सरकार ने एसपी बिजारणिया का तबादला कर दिया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को वाई पूरण कुमार के परिवार से मुलाकात की और हरियाणा सरकार से परिवार को न्याय दिलाने की अपील की। उन्होंने कहा, "कानून के आगे कोई भी व्यक्ति बड़ा नहीं है। परिवार को न्याय मिलना चाहिए और इसे सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।"