हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत शनिवार को मानहानि मामले में पेशी के लिए बठिंडा पहुंचीं। उनकी सुरक्षा को देखते हुए अदालत परिसर में विशेष इंतज़ाम किए गए थे। कंगना का काफिला दिल्ली से सड़क मार्ग से बठिंडा पहुंचा, जहां दोपहर करीब ढाई बजे उन्होंने अदालत में पेशी दी।

कंगना बोलीं – ‘जो दिखाया गया, वैसा सोच भी नहीं सकती’
अदालत में पेश होने के बाद कंगना रनौत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मामला उनके लिए गलतफहमी का परिणाम है। उन्होंने कहा, “जैसा दिखाया गया है, वैसा मैं अपने सपनों में भी नहीं सोच सकती। मां चाहे हिमाचल की हो या पंजाब की, मेरे लिए हमेशा सम्माननीय हैं।”
कंगना ने स्पष्ट किया कि यह ट्वीट वास्तव में एक मीम को रीट्वीट करने से जुड़ा था और उनका किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस विषय पर शिकायतकर्ता महिंदर कौर के पति से भी बातचीत की थी और उत्पन्न हुई गलतफहमी पर खेद जताया।

किसान आंदोलन से जुड़ा है मामला
यह मामला 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान का है, जब कंगना रनौत ने ट्विटर (अब एक्स) पर एक पोस्ट साझा किया था। उस ट्वीट में बठिंडा की बुजुर्ग महिला महिंदर कौर की तुलना शाहीन बाग आंदोलन की प्रतिभागी बिलकिस बानो से की गई थी। इस टिप्पणी को लेकर महिंदर कौर ने कंगना के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की अर्जी खारिज
कंगना के वकील ने अदालत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद अदालत ने उन्हें 27 अक्तूबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था।

शिकायतकर्ता की ओर से उठे आरोप
शिकायतकर्ता महिंदर कौर (73) का कहना है कि कंगना रनौत ने उनके बारे में सोशल मीडिया पर भ्रामक बयान दिए, जिससे उनकी सामाजिक छवि को ठेस पहुंची। महिंदर कौर की ओर से पेश एडवोकेट रघुबीर सिंह बेनीवाल ने बताया कि उन्होंने अदालत से कंगना की उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग की थी, ताकि कानून के अनुसार कार्यवाही आगे बढ़ सके।