हरियाणा के 163 कानूनों से पंजाब शब्द इसी महीने से हट जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए हैं। सेवा नियमों, अधिनियमों से पंजाब का नाम हटाकर संशोधन की रिपोर्ट 31 अगस्त 2021 तक मुख्य सचिव कार्यालय को भेजनी होगी।
मुख्य सचिव विजय वर्धन की तरफ से प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के गठन को 55 साल हो गए हैं। अनेक कानूनों के शीर्ष में अब भी हरियाणा के बजाय पंजाब का नाम आ रहा है। इसे संशोधित किया जाए। जहां-जहां पंजाब शब्द आ रहा है, वहां पर हरियाणा प्रतिस्थापित करें। इसके साथ ही संशोधन का अनुपालन करने के लिए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को निर्देश दे दिए जाएं।
विधानसभा अध्यक्ष ने उठाया था मुद्दा
हरियाणा के कानूनों से पंजाब शब्द हटाने का मुद्दा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने उठाया था। उनके प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सहमति जताते हुए नाम बदलने के लिए कमेटी गठित की थी। समिति की सिफारिशों को सरकार मान चुकी है। कानून एवं विधि विभाग की लीगल रिमेंब्रेंसर (एलआर) बिमलेश तंवर ने अपनी राय में बताया है कि पंजाब शब्द के स्थान पर हरियाणा करने में कोई कानूनी अड़चन आड़े नहीं आएगी।
हरियाणा को किसी भी कानून में संशोधन का अधिकार
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत हरियाणा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला है। उसे अपनी आवश्यकता के अनुसार कोई भी नया कानून बनाने तथा राज्य से संबंधित किसी भी कानून में संशोधन का पूरा अधिकार है। हरियाणा विधानसभा को किसी भी अधिनियम के शीर्षक तथा उपशीर्षक में संशोधन करने की भी पूरी शक्ति है। मुख्य सचिव विजय वर्धन ने कहा कि ऐसा करने में कोई प्रशासनिक बाधा नहीं है।