फरीदाबाद। अल फलाह यूनिवर्सिटी में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। कुछ डॉक्टर, स्टाफ और छात्र वहां मौजूद हैं, लेकिन जांच में सहयोग नहीं कर रहे और मौके पर आने-बैठने की बजाय धीरे-धीरे परिसर से गायब हो रहे हैं।

शनिवार को हाफ डे के बहाने यूनिवर्सिटी से बाहर गए 25 डॉक्टरों में से 8-10 सोमवार तक लौटे नहीं। इनमें अधिकांश कश्मीरी डॉक्टर बताए जा रहे हैं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के रिहायशी कमरों को भी कुछ डॉक्टर खाली कर चुके हैं। जिनमें डॉ. मुजम्मिल, डॉ. उमर नबी बट और डॉ. शाहीन के फ्लैट शामिल हैं।

केंद्रीय एजेंसियों, यूपी एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब इस मामले में सक्रिय हैं। यूनिवर्सिटी परिसर और रिहायशी कमरों की जांच के दौरान टीमों ने छात्रों और स्टाफ से पूछताछ की, लेकिन गायब डॉक्टरों ने सहयोग नहीं किया। उनके फोन भी बंद हैं। जांच की जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस को भी दी गई है ताकि जल्द ही उनकी तलाश की जा सके।

याद रहे कि 30 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूनिवर्सिटी से डॉ. मुजम्मिल को हिरासत में लिया था और विस्फोटक बरामद किया गया था। यूनिवर्सिटी परिसर में आतंकियों के फ्लैट के आसपास रहने वाले अन्य डॉक्टर और स्टाफ अब असहज महसूस कर रहे हैं और प्रबंधन से कमरे खाली कराने की बात कर रहे हैं।

यूनिवर्सिटी में लोगों की आवाजाही लगातार घट रही है। ओपीडी में डॉक्टरों की कमी है और उनके साथ-साथ मरीज भी परिसर आने में हिचक रहे हैं। सुरक्षा कारणों और जांच के चलते परिसर की गतिविधि सामान्य से कम नजर आ रही है।