गुरुग्राम। दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सहरावन गांव के पास प्रस्तावित टोल प्लाजा परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पेच में फंस गई है। संवेदनशील क्षेत्र के निकट टोल प्लाजा बनने से सुरक्षा पर असर पड़ने की आशंका जताई गई है, क्योंकि यहां लगाए जाने वाले कैमरों में रणनीतिक गतिविधियां कैद हो सकती हैं। इसी मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में जीएमडीए, एचएसआईआईडीसी, जिला प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।

सुरक्षा को लेकर उठी आपत्तियां

बैठक में उपस्थित संवेदनशील क्षेत्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि यदि मौजूदा स्थान पर टोल प्लाजा बनाया गया, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। इस पर मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी विकल्पों पर विचार कर विस्तृत रिपोर्ट मंगलवार तक उनके कार्यालय में प्रस्तुत करें, जिसके बाद केंद्रीय स्तर पर समन्वय बैठक कर समाधान निकाला जाएगा।

ग्रामीणों की फ्लाईओवर की मांग

लंबे समय से खेड़कीदौला टोल को हटाने या स्थानांतरित करने की मांग चल रही थी। इसी के तहत केंद्र सरकार ने पहले पचगांव चौक के पास नया टोल प्लाजा प्रस्तावित किया था। लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने यहां अंडरपास या फ्लाईओवर की मांग तेज कर दी, जिसके चलते सरकार ने टोल को सहरावन गांव के समीप स्थानांतरित करने की योजना बनाई। साथ ही पचगांव चौक पर दिल्ली-जयपुर हाईवे को एलिवेटेड करने की स्वीकृति भी दी गई थी।

संवेदनशील क्षेत्र के अधिकारी नहीं हुए सहमत

टोल स्थल पर सफाई कार्य शुरू हो चुका था और निर्माण की तैयारी चल रही थी, लेकिन जैसे ही सुरक्षा एजेंसी को इस स्थल की जानकारी हुई, उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई। एनएचएआई ने यह दलील दी कि टोल के कैमरे केवल वाहनों की नंबर प्लेट रीड करेंगे, लेकिन सुरक्षा अधिकारी इस तर्क से सहमत नहीं हुए, जिससे काम रोकना पड़ा।

मानेसर की दिशा में भूमि समस्या

बैठक में यह भी स्पष्ट हुआ कि मानेसर की दिशा में टोल प्लाजा स्थानांतरित करना कठिन है, क्योंकि वहां सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं है। इसलिए विकल्प के तौर पर पचगांव की दिशा में थोड़ा पीछे हटकर टोल प्लाजा स्थापित करने का सुझाव दिया गया।

स्थानीय सुविधा और सुरक्षा पर जोर

राव इंद्रजीत सिंह ने निर्देश दिए कि टोल प्लाजा का स्थान ऐसा चुना जाए, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित न हो और प्रमुख सड़कों से उनकी सीधी कनेक्टिविटी बनी रहे। उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन में सुरक्षा और स्थानीय सुविधा के संतुलन को प्राथमिकता देने को कहा।

वैकल्पिक मार्ग और भविष्य की योजना

मंत्री ने मानेसर क्षेत्र में हाईवे को एलिवेटेड करने की योजना पर भी चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि निर्माण कार्य शुरू करने से पहले वाहनों के सुगम आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग विकसित किया जाए और गुरुग्राम–पटौदी–रेवाड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण पूरा होने के बाद ही एलिवेशन प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि किसी भी विकास परियोजना का असली उद्देश्य तभी पूरा होता है जब उसका लाभ स्थानीय लोगों तक सीधे पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी योजना में निर्माण कार्य के साथ नागरिक सुविधा, सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास के संतुलन को प्राथमिकता दी जाए।